जब 5000 रुपए से ज्यादा की कमाई पर 13 पैसे देना पड़ता था इनकम टैक्स
- शशि थरूर ने करीब 75 साल पुराना टैक्स स्लैब ट्वीट किया
- उस समय टॉप स्लैब में मात्र 2 आना ही देना पड़ता था टैक्स
- इस बार घोषित नए टैक्स स्लैब को मिडिल क्लास के फेवर में बताया

नई दिल्ली। साल 1958 और फिल्म चलती का नाम गाड़ी। किशोर कुमार और मधुबाला पर फिल्माया गया एक सुपरहिट गाना। जिसमें किशोर कुमार मुधबाला से 5 रुपया 12 आना मांगते हुए नजर आ रहे हैं। उस आना की वैल्यू भी काफी हुआ करती थी। 12 आना का मतलब था 75 पैसे। 1958 से और 13 साल पीछे जाएं तो 1945 में भारत में हुकुमत करने वाली अंग्रेजी सरकार अपने इनकम टैक्स के टॉप स्लैब में महज दो आना टैक्स ही वसूला करती थी। दो आने का मतलब हुआ 13 पैसे। आखिर आज हम यह बात क्यों कर रहे हैं। इसकी दो वजहें हैं, पहली वजह दो दिन पहले देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का बजट 2020 पेश किया, जिसमें नए वैकल्पिक इनकम टैक्स स्लैब की घोषणा की गई है। दूसरी सबसे बड़ी वजह है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर का एक ट्विट, जिसमें 1945 के इनकम टैक्स के दर्शन कराए गए हैं।
Those were the days! @nsitharaman pic.twitter.com/CU4LyvUPlr
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) February 3, 2020
शशि थरूर ने ट्वीट किया करीब 75 साल पुराना टैक्स स्लैब
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने ट्वीट के जरिए देश के सामने करीब 75 साल पुराना यानी 1945 के बजट के दौरान का टैक्स स्लैब जारी किया है। इस ट्वीट में दिखाया गया है कि उस समय 1500 रुपए कमाने वाले आदमी को कोई टैक्स नहीं देना पड़ता था। वहीं जिसकी इनकम 5000 रुपए थी उसे एक आना यानी 6.5 रुपए ही टैक्स देना पड़ता था। वहीं 5000 रुपए से ज्यादा कमाने वाले आदमी को दोगुना यानी दो आना यानी 13 पैसे टैक्स देना होता था, जो उस समय टॉप टैक्स स्लैब के अनुसार था।

वित्त मंत्री ने 5 लाख आय वालों को किया टैक्स फ्री
इस बार देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2020 टैक्स सिस्टम पहले स्लैब के साथ दूसरे स्लैब का विकल्प भी दे दिया है। जिसके तहत 5 लाख रुपए की सालाना आय वालों को टैक्स से फ्री कर दिया गया है। वहीं 5-7.5 लाख रुपए कमाई पर10 फीसदी, 7.5-10 लाख रुपए कमाई पर 15 फीसदी, 10-12.5 लाख रुपए कमाई पर 20 फीसदी, 12.5-15 लाख रुपए कमाई पर 25 फीसदी और 15 लाख रुपए और अधिक की कमाई पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा। वैसे देश की जनता दोनों में किसी को भी चूज कर सकती है। पुराने टैक्स स्लैब में टैक्स डिडक्शन की सुविधाएं मौजूद हैं, लेकिन नए वाले में डिडक्शन की सुविधाओं से महरूम रखा गया है।
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