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क्‍या EPFO से आपका भी चोरी हो गया डाटा? अधिकारियों ने इन आंकड़ों से दी सफाई

ईपीएफओ ने बताया कि सोशल मीडिया पर ईपीएफओ के डाटा लीक होने की अटकलें चल रही है, जो पूरी तरह से गलत और बेबुनियाद हैं।

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EPFO Data Leak

EPFO Data Leak

नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने डाटा लीक होने की सोशल मीडिया पर चल रही अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि अंशधारकों से संबंधित सभी आंकड़े, सूचनाएं और जानकारियां पूरी तरह से सुरक्षित हैं।

डाटा चोरी की अटकलों को किया खारिज
ईपीएफओ ने बताया कि सोशल मीडिया पर ईपीएफओ के डाटा लीक होने की अटकलें चल रही है, जो पूरी तरह से गलत और बेबुनियाद हैं। संगठन ने कहा कि ईपीएफओ समय-समय पर डाटा की सुरक्षा को लेकर सलाह जारी करता है और कॉमन सर्विस सेटरों को इसी संबध में एक परिपत्र जारी किया गया है। यह परिपत्र उन सेवाओं के बारे में है, जो कॉमन सर्विस सेंटर के जरिये उपलब्ध कराई जाती हैं। इसका ईपीएफओ के डाटा सेंटर से कुछ लेना-देना नहीं है।

किए हुए हैं उपाय
ईपीएफओ ने साफ किया है कि डाटा लीक होने की कोई घटना अभी तक सामने नहीं आई है। इसके बावजूद ईपीएफओ ने अपने सर्वर को सुरक्षित रखने के लिए कड़े उपाय किए हैं और सोशल मीडिया पर जारी अटकलों में कोई सच्चाई नहीं है। आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से ईपीएफओ के जरिये डाटा लीक होने खबरे लगातार सोशल मीडिया में उड़ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स में भी कहा गया है कि ईपीएफओ की वेबसाइट पर रजिस्टर्ड तकरीबन 2.7 करोड़ लोगों की जानकारी लीक हो गई है।

ये उड़ी थी खबर
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय को लिखे गए एक खत के मुताबिक हैकर्स ने ईपीएफओ के आधार सीडिंग पोर्टल से डेटा चुराया है। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार नाम, पता, नौकरी संबंधी डेटा सहित, लोग कितना सैलरी पाते हैं इसकी भी जानकारी चोरी हुई है। हर शख्स अपने वेतन का 12 फीसदी पीएफ में कटवाता है। आपको बता दें कि देशभर में पांच करोड़ से अधिक ईपीएफओ खाता धारक हैं। जिसमें से ढ़ाई करोड़ से अधिक खाता धारक पीएफ अकाउंट को आधार से लिंक कर चुके हैं। पिछले साल जुलाई में ईपीएफओ ने खाता खोलने के लिए आधार जरूरी कर दिया था।