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इन दो बैंकों ने घटाई ब्याज दरें, जानिए कितना सस्ता हो जाएगा आपका होम और पर्सनल लोन

आईसीआईसीआई और बैंक ऑफ इंडिया ने एमसीएलआर की दरों में 5 बेसिस प्वाइंट यानी 0.05 फीसदी की कटौती की एमसीएलआर की दरों में कटौती करने से होम लोन और पसर्नल की दरों में आ जाती है गिरावट, कम ब्याज पर मिलता है रुपया

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icici bank and bank of india reduced mclr by 5 bps across tenors

icici bank and bank of india reduced mclr by 5 bps across tenors

नई दिल्ली। अक्टूबर का महीना शुरू होते ही रुपयों-पैसों और बैंकों से जुड़े नियमों में बदलाव हो गया है।अधिकतर मोर्चों पर आम लोगों को राहत ही मिली है। अब बैंकों की ओर से भी राहत देने की शुरुआत हो गई है। एक सरकारी और दूसरे प्राइवेट बैंक ने अपनी ब्याज दरों में कटौती करने का फैसला किया है। यह बैंक हैं बैंक ऑफ इंडिया और आईसीआईसीआई बैंक। दोनों ही बैंक ने 5 बेसिस प्वाइंट यानी 0.05 फीसदी की कटौती करने का निर्णय लिया है। जिसके बाद दोनों बैंकों में पर्सनल लोन के साथ होम लोन, कार लोन और होम लोन सस्ता हो जाएगा। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर दोनों बैंकों की ओर से किस तरह के बदलाव किए गए हैं।

बैंक ऑफ इंडिया ने कम किया ब्याज
- बैंक ऑफ इंडिया ने भी ब्याज दर में 5 बेसिस प्वाइंट यानी 0.05 फीसदी की कटौती की है।
- बैंक ऑफ इंडिया ने ओवरनाइट टेन्योर के लिए ब्याज दर घटाकर 6.70 फीसदी कर दी है।
- वहीं एक महीने की अवधि के लिए ब्याज दर अब 7.20 फीसदी है।
- तीन महीने की अवधि के लिए बैंक की तरफ से 7.25 फीसदी ब्याज लेना तय किया गया है।
- 6 महीने के लिए अब ब्याज दर घटकर 7.30 फीसदी रह गई है।
- एक साल के लिए ब्याज दर 7.35 फीसदी हो गई है।
- तीन साल के लिए ये दर 7.80 फीसदी हो गई है।

यह भी पढ़ेंः-टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत, अब 30 नवंबर तक बढ़ी रिवाइज्ड आईटीआर भरने की आखिरी तारीख

आईसीआईसीआई बैंक ने दी राहत
- आईसीआईसीआई बैंक ने एमसीएलआर में 5 बेसिस प्वाइंट यानी 0.05 फीसदी की कटौती की है।
- 100 बेसिक प्वाइंट की कटौती 1 फीसदी के बराबर होती है।
- बैंक ने आखिरी बार 1 सितंबर 2020 को एमसीएलआर घटाया था।
- नए महीने की शुरुआत होती है ब्याज दर में कटौती कर ग्राहकों को एक बड़ा तोहफा दिया है।

एमसीएलआर कम होगा तो ब्याज भी कम होगा
जानकारों की मानें तो एमसीएलआर उसे कहते हैं जिसके आधार पर बैंक लोन पर लिए जाने वाले ब्याज का निर्धारण करते हैं। इसका मतलब हुआ कि ये अधिक है तो बैंकों को अधिक ब्याज मिलता है और कम होने पर कम ब्याज मिलता है। जिसका फायदा आम लोगों को मिलता है। बैंक कस्टमर को उसी हिसाब से सस्ता या महंगा ब्याज पर लोन मिलता है। फेस्टिव सीजन से पहले बैंकों द्वारा एमसीएलआर दर कम करना ग्राहकों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है।