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लोन लेते वक्त इन बातों का रखें ध्यान, होगा बड़ा फायदा

आज के दौर में कर्इ लोग भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों के फैसलों को ध्यान में रखते हुए लोन लेने का निर्णय करते हैं। लेकिन ये जरूरी नहीं कि आरबीआर्इ द्वारा ब्याज दरों में कमी के बावजूद आपके कम दर में ही लोन मिल जाए। इसके लिए आैर भी बतों को ध्यान में रखना होता है।

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RBI के फैसले के बाद लोन लेते वक्त इन बातों का रखें ध्यान, होगा बड़ा फायदा

नर्इ दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को खत्म हुए मौद्रिक समीक्षा नीति बैठक में नीतिगत दरों में कोर्इ बदलाव नहीं किया है। आज (शुक्रवार) को रिजर्व बैंक नीति समीक्षा बैठक के बाद ये फैसला लिया है। अार्थिक मामलों के जानकार समेत कर्इ बैंकों को इस बात के अासार लग रहे थे कि रिजर्व बैंक ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है। केंद्रीय बैंक के इस फैसले से लोन लेने के वाले लोगों को बड़ी राहत मिली है। लेकिन अाज के समय कर्ज लेना सिर्फ इस बात पर निर्भर नहीं करता कि केंद्रीय बैंक क्या फैसला लेता है। हालांकि इस बात को पूरी तरह से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि रिजर्व बैंक के फैसले से बैंकों के ब्याज दर पर कोर्इ असर नहीं पड़ता है। केंद्रीय बैंक ने इस साल जून व अगस्त माह में रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की है वहीं बैंकों ने अपने एमसीएलआर को इससे कम बढ़ाया है।


कर्ज लेने के लिए कितना महत्वपर्ण है आरबीआर्इ का फैसला?

एक उदाहरण के लिए मान लेते हैं कि आरबीआर्इ ने ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। यदि आप 10 साल के लिए 8.25 फीसदी की दर से 10 लाख रुपए का लोन लेते हैं तो इसके लिए आपको हर 12,265 रुपए र्इएमआर्इ के तौर पर देने होंगे। अारबीआर्इ द्वारा ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद लोन की नर्इ दर 8.50 फीसदी हो जाएगी। इसके बाद आपकी र्इएमआर्इ बढ़कर 12,377 रुपए प्रति माह हो जाएगी। एेसे में कर्इ जानकारों को मानना है कि केंद्रीय बैंक का ब्याज दरों को लेकर किया गया फैसला आपके लोन लेने का आधार नहीं होना चाहिए। आपको सबसे अच्छी ब्याज दरों की तलाश करनी चाहिए। केंद्रीय बैंक के फैसले से आपको लोन लेने के लिए प्रभावित नहीं होना चाहिए। एेसे में हम आपको ये भी बताते हैं कि लोन लेने के लिए आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

ब्याज दरः किसी भी प्रकार के लोने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात ये हाेती है कि आपको कितना ब्याज देना होगा। यदि अाप सरकारी बैंकों से लोन लेते हैं तो इन बैंकों को एमसीएलआर 8.45-9.45 फीसदी के बीच है। वहीं प्राइवेट बैंकों का एमसीएलआर 8.4-10.38 फीसदी के बीच है। एेसे में यदि आपको क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो आप बेहतर ब्याज दर के लिए मोलतोल जरूर करें। फेस्टिव सीजन में कर्इ बैंक ब्याज दरों में छूट भी देते हैं। कर्इ बैंकों में इस दौरान आपको लोन प्रोसेसिंग फीस तक की छूट मिलता है।


रीसेट पीरियडः बेस रेट के दौर में आरबीआर्इ के फैसले पर होम लोन की ब्याज दरें बदलती रहती थी। उसमें कोर्इ रीसेट पीरियड नहीं था। लेकिन एमसीएलआर में होम लोन की दरें समय-समय पर बदलती रहती हैं। आज के दौर में अधिकतर बैंकों ने अपने होम लोन को एमसीएलआर के साथ लिंक किया है। इस प्रकार यदि आप मार्च 2018 में होम लोन लिया है आैर आरबीआर्इ ने अक्टूबर 2018 में रेपो रेट घटाती है तो भले ही उस महीने में एमसीएलआर नीचे आ जाएं। लेकिन ग्राहक पर इसका असर मार्च 2018 में पड़ेगा।


स्विच करने का विकल्प

कर्इ बैंक अपने नए ग्राहकों के लिए कम दरों की पेशकश करते हैं वहीं पुराने ग्राहकों के लिए अधिक दरें ही होती हैं। एेसे में आपको ब्याज दरों पर लगातार नजर बनाए रखना चाहिए। यदि अापको किसी दूसरे बैंक से कम दर मिलता है तो आप अपने लोन को स्विच कर सकते हैं। लेकिन आपको इस बात का जरूर ध्यान देना चाहिए कि दरों में ये अंतर अधिक हो। आपकाे इस बात का भी ध्यान देना चाहिए कि आप लोन के शुरुआती दाैर में ही इसे स्विच करें क्योंकि लोन खत्म होने के करीब स्विच करने से कुछ खास लाभ नहीं मिलता है।