16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नेशनल पेंशन स्कीम में हुआ बड़ा बदलाव, अब निवेशक साल में दो बार कर सकेंगे यह बदलाव

ऑल सिटीजन मॉडल में आने वाले निवेशक को अब दो सीआरए बदलने का मौका मिलेगा पहले वित्त वर्ष में एक बार मिलता था मौका, 17 अप्रैल को PFRDA ने जारी कि सर्कूलर

2 min read
Google source verification

image

Saurabh Sharma

Apr 19, 2020

National Pension Scheme

Major change in NPS, investor will be able to make change twice a year

नई दिल्ली। नेशनल पेंशन स्कीम यानी एनपीएस में निवेश करने वालों के लिए अहम खबर है। पेंशन फंड रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के नए सर्कूलर के अनुसार ऑल सीटिजन मॉडल के तहत निवेशकों को सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी यानी सीआरए बदलने के लिए अब वित्तीय वर्ष में दो बार मौके मिलेंगे। इससे पहले यह सुविधा साल में एक बार ही मिलती थी। आपको बता दें कि पीएफआरडीए का यह सर्कूलर बीते शुक्रवार को ही आया है।

हुआ यह बदलाव
पीएफआरडीए के नए सर्कूलर के अनुसार ऑल सीटिजन मॉडल के तहत आने वाले निवेशक अब एक वित्त वर्ष में 1 बार की जगह दो बार सीआरए चुन या फिर बदल सकते हैं। वहीं जो अकाउंट होल्डर नियोक्ता-कर्मचारी संबंध के दायरे के तहत आते हैं वो दो से ज्यादा बार सीआरए बदल या फिर चुन सकते हैं। यह पूरी तरह से नियोक्ता पर निर्भर करेगा कि कि सीआरए बदलना चाहता है या फिर नहीं।

वास्तव में जिन लोगों ने साल दो बार वाली सुविधा को इस्तेमाल कर लिया है वो अधिक बार सीआरए बदल सकते हैं। यह इस बात पर डिपेंड करेेगा कि उनके नियोक्ता सरकारी या कॉरपोरेट मॉडल के अंतर्गत आते हैं या नहीं। वहीं कोई अकाउंट होल्डर अपने नियोक्ता के जरिए एनपीएस सदस्य बना है तो वह भी एक वित्त वर्ष में दो से अधिक बार सीआरए चेंज कर सकता है।

यह भी पढ़ेंः-पीपीएफ स्कीम में हर महीने 6000 रुपए जमा करने से इतने समय में बन जाएंगे करोड़पति

पीएफआरडीए की ओर से दिया गया था प्रस्ताव
पीएफआरडीए के अनुसार सीआरए बदलने के बाद भी एनपीएस ट्रांजेक्शन स्टेटमेंट में पुराने सीआरए के जरहए होने वाला ट्रांजेक्शन भी दिखाई देगा। वहीं 13 अप्रैल को पीएफआरडीए ने ऑनलाइन प्लान जेनरेशन मॉड्यूल के तहत ऑन बोर्डिंग प्रोसेस को स्ट्रीमलाइन करने का प्रस्ताव दिया था। जिसमें सीआरए को ऑनलाइन फोटो, सिग्नेचर आदि अपडेट करने की सुविधा देने को कहा गया था।