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सेंसेक्स ने भरी उड़ान, गणेश ग्रीन भारत भी आईपीओ बाजार में उतरा

राजनीतिक अनिश्चितता दूर होने के बाद भारतीय शेयर ने अपनी उड़ान शुरू कर दी है।

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राजनीतिक अनिश्चितता दूर होने के बाद भारतीय शेयर ने अपनी उड़ान शुरू कर दी है। बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी और सेंसेक्स हर हफ्ते नई ऊंचाई पर पहुंच रहे है। हालिया में आए अधिकांश आईपीओ प्रीमियम पर लिस्ट हुए हैं। आईपीओ की हाई लिस्टिंग आईपीओ मार्केट गजब का उत्साह भर रहा है। अगर बात बीते छह महीनों की करें तो 33 आईपीओ पहले ही लगभग 29,000 करोड़ रुपए जुटा चुके हैं। अधिकांश नए सूचीबद्ध शेयरों ने अच्छा रिटर्न दिया है, जिसने ज्यादा से ज्यादा निवेशकों को आईपीओ में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया है। सोलर पीवी मॉड्यूल निर्माता गणेश ग्रीन भारत भी अब आईपीओ के जरिए 65.91 लाख नए शेयर जारी कर 125.23 करोड़ रुपए जुटाने की योजना बनाई है। कंपनी का आईपीओ 5 से 9 जुलाई तक खुलेगा। इसका प्राइस बैंड 181 से 190 रुपए प्रति शेयर तय किया गया है। यह शेयर एनएसई इमर्ज पर लिस्ट होगा। इश्यू की लीड मैनेजर हेम सिक्योरिटीज है।

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बाजार की उड़ान के लाभ से कंपनी करेगी विस्तार

कंपनी की सौर पीवी प्लांट की क्षमता 236.73 मेगावाट है और 163.27 मेगावाट क्षमता का विस्तार करेगी। सहायक कंपनी सौरज एनर्जी 192.72 मेगावाट की स्थापित क्षमता के साथ सौर फोटो-वोल्टाइक (पीवी) मॉड्यूल के निर्माण में भी शामिल है। इश्यू से प्राप्त राशि का उपयोग लोन को पूर्ण या आंशिक रूप से चुकाने, कारखाने में अतिरिक्त प्लांट और मशीनरी की स्थापना के फाइनेंस, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों को पूरा करने के लिए होगा। इस साल 31 मार्च तक गणेश ग्रीन भारत का राजस्व 170.17 करोड़, एबिट्डा 34.62 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 19.88 करोड़ रुपए रहा है। गणेश ग्रीन भारत ने सौभाग्य योजना, कुसुम योजना और सौर सुजला योजना जैसी विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत परियोजनाएं पूरी की हैं। इसके अतिरिक्त, कंपनी मुख्यमंत्री निश्चय गुणवत्ता प्रभावित योजना और हर घर जल (जल जीवन मिशन) जैसी जल आपूर्ति परियोजनाओं के डिजाइन, निर्माण, स्थापना, संचालन और रखरखाव में लगी हुई है। कंपनी ने आठ राज्यों के सरकारी विभागों, जैसे गुजरात औद्योगिक विकास निगम (जीआईडीसी), अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी), राजस्थान नवीकरणीय ऊर्जा निगम लिमिटेड (आरआरईसीएल) और कई अन्य के लिए काम किया है। सोलर पीवी मॉड्यूल पॉलीक्रिस्टलाइन, मोनोक्रिस्टलाइन और टॉपकॉन सोलर सेल तकनीक का उपयोग करके निर्मित किए जाते हैं।