
नई दिल्ली। कोरोना काल ( Corona Era ) में देश में करोड़ों लोगों को हाथ धोना पड़ा है। वहीं कई ऐसे कम पढ़े लिखे लोग भी हैं जो अपनी नौकरी गंवा चुके हैं। ऐसे में उन्हें अपना काम शुरू करने और अपने आप को दोबारा स्थापित करने के लिए छोटे कैपिटल ( Small Capital ) की जरुरत है। ऐसे में नीरा फिनटेक कंपनी ऐसे लोगों को माइक्रो लोन ( Micro Loan ) प्रोवाइड करा रही है, जो एक साल तक के लिए लोन देती है। खास बात तो ये है कि छोटे लोन के लिए आपको डिलिटल साउंड होने की जरुरत नहीं है। कंपनी आपको खुद आपके प्रोसीजर को पूरा कराने में मदद करेगी।
2500 रुपए से एक लाख तक का लोन
करीब दो साल पहले अस्तित्व में नीरा छोटे लोन और व्यवसाय के लिए भारतीयों को लोन मुहैया करा रही है। लोन की रकम 2500 रुपए से 1 लाख तक की है। लोन लेने वाले इस रकम को 3 से 12 महीने में चुका सकते हैं। अधिकांश फिनटेक कंपनियां आज के दौर में टेक्नोलॉजी के जरिए छोटे लोन प्रोवाइड कराती हैं, लेकिन नीरा ऐसे लोगों को भी लोन प्रोवाइड कराएगी जो डिजिटली साउंड नहीं है। नीरा के को-फाउंडर रोहित सेन के अनुसार नीरा के जरिए रोहित उपभोक्ताओं को वित्त प्रदान करने के तरीके को फिर से परिभाषित करने के लिए डेटा और प्रौद्योगिकी की शक्ति का को बेहतर तरीके से करने के लिए तत्पर हैं। आज, कंपनी अपने मोबाइल ऐप और वेबसाइट के माध्यम से 1 वर्ष तक के लिए 1 लाख रुपए तक का छोटा क्रेडिट प्रदान करती है, उपभोक्ताओं को वित्त के पारंपरिक रास्ते तक सीमित पहुंच के साथ।
यहां से जुटाया है फंड
रोहित के अनुसार नीरा ने हाल ही में 1 मिलियन डॉलर की सीड फंडिंग प्राप्त की है। रोहित को उम्मीद है कि नीरा भारत के साथ अपने परिचालन के पैमाने और पहुंच का विस्तार करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। नीरा का उद्देश्य मध्य भारत में एक वित्तीय ब्रांड बनना है। कंपनी फेडरल बैंक के साथ मिलकर ग्राहकों को लोन मुहैया कराती है। 2019 नीरा को भारत में दो अहम प्रोगाम के लिए चुना गया। गूगल की ओर से इसे टेकस्टार्ट और गूगल लांचपैड के लिए इसे चुना गया। नीरा ने अक्टूबर 2018 में अमेरिका से 1 मिलियन डॉलर का फंड सीड फंडिंग के जरिए भारत और यूके के एंजल इन्वेस्टर्स से जुटाया है।
12 साल का फाइनेंशियल ट्रेडर का अनुभव
नीरा के को-फाउंडर रोहित सेन और नुपुर गुप्ता दोनों गोल्डमैन सैक्स में जॉब करते थे, लेकिन नीरा कंपनी बनाने और कुछ बड़ा करने के लिए दोनों ने अपनी अच्छी खासी सैलरी वाली नौकरी छोड़ी।रोहित सेन पहली पीढ़ी के ब्रिटिश भारतीय हैं। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से डिग्री प्राप्त करने के बाद, उन्होंने 12 वर्षों तक लंदन में एक वित्त ट्रेडर के रूप में काम किया, जिसमें बैंक ऑफ अमेरिका, मेरिल लिंच और गोल्डमैन सैक्स जैसी कंपनियों के लिए क्रेडिट और जोखिम प्रबंधन में एक मजबूत भागीदारी विकसित करते थे।
Published on:
28 Aug 2020 12:46 pm
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