दरअसल, 27 अगस्त 2013 को बहन से हुई छेड़छाड़ को लेकर आरोपी के साथ मारपीट करते सचिन और गौरव की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। जिसमें मृतक के परिजनों की ओर से 7 लोगों को नामजद किया गया था। इस कांड में छेड़छाड़ का आरोपी शाहनवाज की भी इसी दौरान मौत हो गई थी। ये मुकदमा कोर्ट में पिछले कई वर्षों से चल रहा है।
इस हत्याकांड में दोनों ओर से मुकदमे दर्ज हुए थे। जिसमें मृतक सचिन और गौरव के परिवार की ओर से गौरव के पिता रविंद्र सिंह ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मुकदमे में मुजस्सिम, मुजम्मिल, फुरकान, नदीम, जहांगीर, अफजाल और इकबाल सहित 7 लोग आरोपी बनाए गए थे।
गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े सभी मामले एडीजे हिमांशु भटनागर की कोर्ट 7 में चल रहे हैं। इससे पहले 23 जनवरी को कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई थी। जिसमें अगली तारीख 6 फरवरी लगाई गई थी। 23 जनवरी को इस मुकदमे में दोनों पक्षों की ओर से गवाह पेश किए गए जिसमें वादी पक्ष की ओर से 10 और बचाव पक्ष की ओर से 5 गवाह पेश किए गए।
जिसमें दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपनी सुनवाई पूरी कर ली है और मामले में फैसला देने के लिए कोर्ट ने 6 फरवरी तय की थी। कोर्ट में दोनों पक्षों को कोर्ट में बुलाया गया। जिसमें कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनकर इस हत्याकांड के सभी 7 आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाने की तारीख 8 फरवरी रखी है। कोर्ट के फैसले के बाद पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता अनिल जिंदल ने कहा कि एडीजे कोर्ट ने कवाल कांड के सातों आरोपियों को दोषी करार दिया है। जिसकी सजा के लिए कोर्ट ने 8 फरवरी की तारीख तय की है।
कवाल कांड के मृतक गौरव के पिता रविंद्र सिंह ने न्यायालय पर भरोसा जताते हुए कहा है कि हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा है और जो भी न्यायालय फैसला सुनाएगा वह हमें मंजूर है। वहीं जानसठ क्षेत्र के पूर्व ब्लाक प्रमुख वीरेंद्र सिंह ने भी न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा जताते हुए कहा कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि इस पूरे मामले को रचने वाले आजम खान व पूर्व सांसद अमीर आलम और उसके बेटे पूर्व विधायक नवाजिश आलम पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।