उन्होंने कहा कि धरने पर किसान नहीं हैं। किसान अपने खेतों में है या फिर देश की सुरक्षा के लिए देश की सीमाओं पर तैनात हैं। उन्होंने बिना नाम लिए किसान नेताओं को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि जो लोग किसान नेता बनकर वहां भाषण दे रहे हैं वे दो से तीन करोड़ रुपए कमाते हैं। धरने की देश विरोधी ताकतों से फंडिंग चल रही है। जिसमें इन सबकी जांच भी होगी। छब्बीस जनवरी पर देश का अपमान हुआ है। इसे लोग कभी नहीं भूल पाएंगे। उन्होंने धरने पर बैठे सरदारों को नसीहत देते हुए कहा कि जो लोग यहां तिरंगे का अपमान कर रहे हैं, वह सरदार और सिख तब कहां थे जब पाकिस्तान में सिख युवती का अपहरण कर उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया था।
विधायक विक्रम सिंह सैनी ने कहा कि 26 जनवरी पर जो हुआ, उस दौरान अगर आतंकवादी या पाकिस्तानी लाल किले पर कब्जा कर लेते तो क्या होता। उन्होंने सरदारों से कहा कि अगर तुम बॉर्डर पार करके पाकिस्तान चलते तो पूरा देश तुम्हारे साथ चलता। किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत द्वारा लखनऊ के घेराव की घोषणा के सवाल पर उन्होंने कहा कि यूपी में योगी की सरकार है और योगी जी अपने आप में खुद मजबूत हैं, जो समय आने पर सही निर्णय लेंगे।