किसान आंदोलन के पक्ष में आई रालोद, कहा- किसानों की हर लड़ाई को पार्टी का समर्थन
Highlights
– रालोद ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन
– केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांंग
– कहा- किसानों पर भीषण ठंड में सड़क पर पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले दागे जा रहे
मुजफ्फरनगर. जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे राष्ट्रीय लोकदल के नेताओं और कार्यकर्ता ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के देशव्यापी आंदोलन को समर्थन दिया। राष्ट्रीय लोकदल के जिलाध्यक्ष अजीत राठी के नेतृत्व में पहुंचे रालोद के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओ ने किसानों के समर्थन में जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा।
यह भी पढ़ें- भाजपा सरकार को किसानों को सुनना होगा: प्रियंका गांधी रालोद ने ज्ञापन के जरिये मांग की है कि कृषि प्रधान देश के किसानों ने सदैव देश की अर्थव्यवस्था में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी और लॉकडाउन के कठिन दौर में भी किसानों ने उत्पादन करके अर्थव्यवस्था में जीडीपी में महत्वपूर्ण सहयोग दिया है। केंद्र सरकार ने कृषि संबंधी ऐसे कानून पारित किए हैं, जिनके लागू होने से किसानों की स्थिति सोचनीय ही नहीं, बल्कि दयनीय हो गई है। आज देश का किसान अपनी संभावित व्यथाओं से आशंकित होकर आंदोलन कारित है। किसान जब अपनी आवाज सुनाने दिल्ली आया तो इस भयंकर ठंड में सड़क पर पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं, क्या यही लोकतंत्र है, क्या यह बर्ताव कृषि प्रधान देश के किसानों के लिए उचित है।
किसान विरोधी कानूनों के फलस्वरुप मंडी समिति और एमएसपी समाप्त हो जाएगी तथा कारपोरेट जगत से दी जाने वाली कीमत की स्वेछा से दी जाने वाली कीमत पर कृषि उपज की खरीद होगी। पूंजीपतियों और किसानों के बीच संभावित विवादों का निस्तारण सिविल कोर्ट में न होने से किसानों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन होगा। राष्ट्रीय लोकदल किसानों की भावी पीढ़ी का आभास करते हुए आपसे अनुरोध करता है कि आप उपरोक्त तीनों किसान विरोधी कानूनों को निरस्त करने की अनुशंसा करते हुए केंद्र सरकार को निर्देशित कर देश के किसानों के पक्ष में ऐतिहासिक निर्णय लें। ताकि किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह की भावना के अनुरूप देश के सभी अन्नदाता खुशहाली के साथ देश की अर्थ व्यवस्था में योगदान कर सकें। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी भी आज सिंधु बॉर्डर पर किसानों के बीच पहुंचे हैं। रालोद किसानों की हर लड़ाई का समर्थन करता है।