
Ajmer Dasam has spoiled the condition of its own officials
नागौर. डिस्कॉम अधिकारियों की कार्यशैली एवं निगम के भेदभावपूर्ण रवैये से नाराज ठेकेदारों की चेतावनी के बाद गुरुवार को अजमेर डिस्कॉम के मुख्य अभियंता एमबी पालीवाल नागौर पहुंचे। उन्होंने जिलेभर के अधिकारियों की उपस्थिति में नागौर डिस्ट्रिक्ट विद्युत कॉन्ट्रेक्टर समिति के अध्यक्ष सीताराम काला सहित अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। गौरतलब है कि चार दिन पूर्व डिस्कॉम ठेकेदारों ने डिस्कॉम अधिकारियों की कार्यशैली व ठेके देने में किए जा रहे भेदभाव को लेकर बैठक के बाद मुख्यमंत्री के नागौर दौरे के दौरान विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। नागौर अधीक्षण अभियंता कार्यालय में गुरुवार को हुई बैठक में मुख्य अभियंता पालीवाल के समक्ष ठेकेदारों ने न केवल निगम की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाए, बल्कि कामकाज को लेकर आरोपों की बौछार कर दी। इस पर निगम की ओर से पालीवाल ने उनकी समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया। इस दौरान संभाग के सभी जिलों में छीजत के मामले में नागौर का पहला नंबर होने पर उन्होंने निगम के एक्सईएन एवं एईएन की क्लास ली। उन्होंने चेताया कि छीजत का औसत जल्द ही 21 प्रतिशत तक नहीं लाया गया तो फिर उनको कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान अधीक्षण अभियंता एस. एन. शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
इन समस्याओं का जल्द निराकरण का आग्रह
ठेकेदार समिति के अध्यक्ष सीताराम काला, कंवरीलाल जांगीड़, महावीरङ्क्षसह छापरी, गणपत डिडेल ने समिति की ओर से मांग पत्र मुख्य अभियंता पालीवाल के समक्ष रखा। इनमें एलआरपीके कार्य पूर्ण करने के लिए निगम की ओर से समय पर सामान नहीं देने, जीएसएस पर अप्रशिक्षित कार्मिक लगाने का विरोध किया। उन्होंने व्यवस्था सुचारु करने के लिए हर आठ घंटे के ब्लॉक अनुसार आटीआई प्रशिक्षित कर्मी लगाने की मांग की। दीनदयाल व सौभाग्य योजना का काम स्थानीय ठेकेदारों को देने की मांग भी रखी। 31 अगस्त तक जीएसएस पर शिड्यूल व्यवस्था में क्रमबद्ध तरीके से आईटीआई कर्मचारी नहीं मिलने पर निगम के सभी कार्य बंद करने की चेतावनी भी दी।
अप्रशिक्षित चला रहे जीएसएस
ठेकेदार समिति की ओर से मिली चेतावनी के बाद हरकत में आए मुख्य अभियंता पालीवाल ने ठेकेदार के साथ एक आपातकालीन बैठक की। इस बैठक में जिले के अधिशासी अभियंताओं के साथ ही सहायक अभियंताओं सहित अन्य कर्मियों को भी बुलाया गया। सुबह करीब 11 बजे से लेकर अपराह्न में करीब साढ़े तीन बजे तक चली बैठक में ठेकेदारों ने कहा कि जीएसएस संचालित करने वाले बाहरी ठेकेदार ने फर्जी दस्तावेज पेश कर अप्रशिक्षित लोगों को लगा दिया है, जो न तो समय पर बिजली दे पाते हैं और न ही समय पर फॉल्ट निकाल पाते हैं। ठेकेदारों का कहना था कि बार-बार कहने के बावजूद निगम अधिकारी इसकी अनदेखी कर रहे है।

Published on:
17 Aug 2018 12:53 pm
बड़ी खबरें
View Allनागौर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
