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किसानों ने घेरा उपखंड कार्यालय , ताला जड़कर डाला डेरा

मेड़ता सिटी. आपदा में वंचित गांवों को शामिल करने, रेलवे भूमि अधिग्रहण में अव्यवस्थाओं को रोकने और एमएसपी पर मूंग खरीद से जुड़ी परेशानियों सहित छह मांगों को लेकर किसानों ने सोमवार को उपखंड कार्यालय का घेराव कर दिया।

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फोटो कैप्शन:- एमसी 0912 सीसी। मेड़ता सिटी. किसानों को संबोधित करते भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष।

छह मांगों पर दो दौर की वार्ता भी बेनतीजा, कड़ाके की ठंड में डटे किसान

मेड़ता सिटी. आपदा में वंचित गांवों को शामिल करने, रेलवे भूमि अधिग्रहण में अव्यवस्थाओं को रोकने और एमएसपी पर मूंग खरीद से जुड़ी परेशानियों सहित छह मांगों को लेकर किसानों ने सोमवार को उपखंड कार्यालय का घेराव कर दिया। सुबह पहुंचे सैकड़ों किसान भारतीय किसान यूनियन (मानवता) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और स्थानीय नेताओं के नेतृत्व में उपखंड कार्यालय के सामने जमा हुए। प्रशासन से दो घंटे में समाधान मांगने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिलने पर किसानों ने सोमवार देर शाम उपखंड कार्यालय के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया। किसानों ने मौके पर डेरा डाल दिया, रातभर परिसर के बाहर डटे रहे। कड़ाके की ठंड के बीच किसानों ने धरना जारी रखा और एसडीएम कार्यालय देर रात तक किसान बसेरे में तब्दील हो गया। दो दौर की वार्ता के बावजूद भी सहमति नहीं बनने से किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

ऐसे बदलता रहा घटनाक्रम

सुबह भारतीय किसान यूनियन (मानवता) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और किसान नेताओं के नेतृत्व में सैकड़ों काश्तकार उपखंड कार्यालय पहुंचे। करीब 12 बजे तहसीलदार को 6 सूत्रीय मांग पत्र सौंपकर 2 घंटे में समाधान बताने की बात रखी गई। शाम तक कोई जवाब नहीं मिलने पर किसानों ने कार्यालय का मुख्य गेट बंद कर दिया। शाम 5.30 बजे गांधी पार्क में तहसीलदार से पहली बैठक हुई, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला। रात 8.30 बजे दूसरी बैठक भी नाकाम रही और किसान ताला खुलने की मांगों पर सहमति से ही जोड़ते रहे। किसानों ने कहा जब तक मांगों पर सहमति नहीं बनती किसान मौके से नहीं हटेंगे। भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील रियाड़ सोगावास ने कहा कि हमारी मांगें जायज हैं, अधिकारी मिल भी नहीं रहे। जब तक सहमति नहीं होगी, ताला नहीं खुलेगा। इस दौरान सरपंच रामकिशोर भुंवाल, मंगलाराम डिडेल इंदावड़, रामेश्वर छापरी, सुरेंद्र बापेडिया सहित किसान डटे रहे।

यह हैं किसानों की प्रमुख मांगें

मेड़ता व रियांबड़ी पंचायत समिति के वंचित 74 गांवों को आपदा में शामिल किया जाए।

खरीफ 2023 फसल बीमा क्लेम की फाइलों पर तुरंत सुनवाई हो।

रेलवे भूमि अधिग्रहण में तानाशाही रोककर उचित मुआवजा दिया जाए।

खेतों में जबरदस्ती लगाए जा रहे प्राइवेट बिजली खंभों को रोका जाए।

खरीफ 2025 की शिकायतों का निस्तारण कर सर्वे कराए जाएं।

अतिवृष्टि के नुकसान को देखते हुए एमएसपी पर मूंग व मूंगफली खरीद के मानकों में छूट दी जाए।

किसानों ने अपना मांग पत्र सौंपा है। पत्र में शामिल मांगों से उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है, लेकिन अभी तक मांगों पर सहमति नहीं बन पाई है। हम किसानों से चर्चा कर मामले को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं।

रामसिंह गुर्जर, तहसीलदार, मेड़ता सिटी।