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VIDEO…ढोलक -मजीरे की गूंजती थाप पर पहुंचे विदेशी अचरज में रह गए देखकर यह नजारा

Nagaur. ढोलक-मजीरे की थाप पर किन्रों के गूंजे भजन तो झूमे श्रद्धालुढोलक-मजीरे की थाप पर सजा किन्नरों का दरबार तो झूमे बंशीवाला-नगरसेठ बंशीवाला में पहली बार किन्नर समाज की ओर से फागोत्सव का आयोजन-फागोत्सव में घूमते घुंघरुओं के शोर में गूंजते भजनों की सरिता में छलका भक्ति का उत्साह-फागोत्सव के पारंपरिक लोकगीतों के साथ ही राजस्थानी सांस्कृतिक रंग में घुले एक से बढकऱ एक भजनों की हुई प्रस्तुतियां

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नागौर. बंशीवाला के दरबार में पहली बार किन्नरों का दरबार सजा तो माहौल बदला नजर आया। किन्नरों ने बंशीवाला के अर्चना के साथ फागोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत की। अपराह्न तीन से बजे किन्नरों का नृत्य एवं गायन के साथ ढोलक एवं मजीरे की थाप पर शुरू हुआ घुंघरुओं का शोर शाम को करीब सात बजे तक चला। इस दौरान पूरा बंशीवाला मंदिर परिसर न केवल भरा नजर आया, बल्कि फाग की मस्ती के आलम में ढोलक की थाप पर विदेशी सैलानी भी नृत्य करते नजर आए। किन्नरों के बरसाए फूलों से बंशीवाला के सामने फूलों की चादर बिछी नजर आई।
नगर सेठ बंशीवाला मंदिर में किन्नर समाज की ओर से फागोत्सव का आयोजन किया गया। बताते हैं कि किन्नर समाज की ओर से फागोत्सव का इस तरह का आयोजन पहली बार किया गया था। इससे मंदिर में श्रद्धालु की भीड़ निर्धारित समय से पहले ही एकत्रित हो गई। किन्नर समाज की रेखा बाई एवं खुशी बाई की ओर से भगवान श्रीकृष्ण पहले अर्चन किया गया। बंशीवाला की वंदना करने के साथ ही कार्यक्रम की शुरुआत रेखाबाई एवं खुशीबाई के भजन से हुई। इनका साथ वहां पर मौजूद अन्य महिला श्रद्धालुओं ने दिया। किन्नरों से सुर के साथ अन्य सुर जुड़े तो बंशीवाला मंदिर परिसर भजनों की सरिता के रंग में रंगा नजर आया। कार्यक्रम तो यूं एक घंटे का था, लेकिन किन्नरों के भक्तिमय गायन एवं नृत्य के रंग में डूबे श्रद्धालु शाम तक इनके साथ भक्ति के रंग में डूबे रहे। इस दौरान मंदिर परिसर में कार्यक्रम स्थल के चारों ओर श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आई। भगवान श्रीकृष्ण के साथ ही होली के रंग में रंगे पारंपरिक लोकगीतों के साथ ही राजस्थानी सांस्कृतिक रंग में घुले भजन गूंजते रहे। ढोलक एवं मजीरे की थाप के सुर से बंधे विदेशी सैलानी भी कार्यक्रम में पहुंचे। यहां पर नृत्य कर रहे किन्नरों के साथ ताल पर ताल मिलाकर अपने कदम थिरकाए। कार्यक्रम के दौरान अबीर व गुलाल के उड़ते रंग के साथ फूलों की बारिश में श्रद्धालु नहाए नजर आए। पुजारी महेश ने बताया कि कार्यक्रम में आसपास के लोग काफी संख्या में शामिल हुए। किन्नरों की ओर से इस तरह का यह पहला आयोजन था। अब तक किन्नर कार्यक्रम में शामिल जरूर होते रहे, लेकिन किन्नर समाज की ओर से फागोत्सव का आयोजन पहली बार किया गया।