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नेहरू उद्यान में अवैध रूप से संचालित मिनी चिडिय़ाघर आज हटाएगा वन विभाग

Nagaur patrika latest news. नगरपरिषद के नेहरू उद्यान में स्थित आरोग्य वाटिका में बने मिनी चिडिय़ाघर को गुरुवार को वहां से वन विभाग की ओर से हटा दिया जाएगा. Nagaur patrika latest news

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Forest department to remove illegally operated mini zoo in Nehru Park

Forest department to remove illegally operated mini zoo in Nehru Park

नागौर. नगरपरिषद के नेहरू उद्यान में स्थित आरोग्य वाटिका में बने मिनी चिडिय़ाघर को गुरुवार को वहां से वन विभाग की ओर से हटा दिया जाएगा। इसमें रह रहे पक्षियों को खुले में छोडऩे के साथ ही एमू को जोधपुर के चिडिय़ाघर एवं हरिणों को जंगलों में छोड़ दिया जाएगा।

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वन विभाग के अनुसार चिडिय़ाघर बिना अनुमति के संचालित नहीं किए जा सकते हैं। इस आशय से संबंधित शिकायत मिलने के बाद वन विभाग ने नगरपरिषद आयुक्त से बातचीत कर कार्रवाई किए जाने की जानकारी दे दी है। मौका मुआयना भी विभाग की ओर से कर लिया गया। विभागीय जानकारों के अनुसार ज्यादातर कबूतरों के बच्चे, अण्डे हैं, और हरिणों ने कभी जंगल नहीं देखा है, ऐसे में यहां से हटाए जाने पर ज्यादातर की मूक पक्षियों एवं हरिणों की जिंदगी पर संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाएगा। इसे वर्ष 2010 में तत्कालीन जिला कलक्टर समित शर्मा की पहल पर बनाया गया था, ताकी बच्चों एवं शहरवासी दुर्लभ माने जाने वाले पक्षियों आदि को सामने से देख सकें।

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नगरपरिषद के आरोग्य वाटिका में तकरीबन दस साल से आकर्षण का केन्द्र बना मिनी चिडिय़ाघर अब गुरुवार को यहां से पूरी तरह हटाए जाने की कार्रवाई की जाएगी। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार किसी ने उपवन संरक्षक ज्ञानचंद को शिकायत की कि नगरपरिषद के आरोग्य वाटिका में अवैध रूप से मिनी चिडिय़ाघर चलाया जा रहा है। शिकायत मिलने के बाद वन विभाग की ओर से अधिकारियों की टीम नगरपरिषद पार्क पहुंची तो यहां पर मिनी चिडिय़ाघर के तौर पर स्थापित आरोग्य वाटिका की जांच की तो इसमें एमू, सफेद कबूतर, रंगीन पक्षी एवं बतख आदि मिले। इस पर वन विभाग की ओर से नगरपरिषद के आयुक्त से बातचीत कर उनको जानकारी दी गई कि परिषद बिना अनुमति के इन वन्य जीवों को नहीं रख सकती है, और न ही मिनी चिडिय़ाघर के तौर पर इसका संचालन कर सकती है। यह भी कहा गया कि वन विभाग गुरुवार को इनको यहां से हटाए जाने की कार्रवाई करेगा।
पक्षियों एवं हरिणों के आंकड़ों पर एक नजर
एमू-1
हरिण-7
सफेद कबूतर-110
बतख-5
रंगीन चिडिय़ा-3

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बताया जाता है कि इसमें सफेद कबूतरों ने दर्जनों अंडे रखे हैं। कई कबूतर शिशुवस्था में हैं। यहां के पर रहे हरिणों को जंगल में छोड़ा जाएगा तो फिर वह जंगली जीवन के अभ्यस्त होने में लगने वाला समय कहीं उनकी जिंदगी पर ही खतरा न बन जाए। हालांकि वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पक्षियों को तो खुले आकाश में छोड़ दिया जाएगा, और बतख भी सुव्यवस्थित तरीके से सुरक्षित जगह छोड़े जाएंगे। इस तरह की बातें निराधार है।

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अवैध है तो फिर कार्रवाई होगी क्या...!
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार आरोग्य वाटिका में इस तरह से दुर्लभ पक्षियों, हरिणों को रखना गैर कानूनी है तो फिर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। तकरीबन नौ साल से हो रहे इस अवैध संचालन एवं वन जीवों एवं पक्षियों को रखे जाने पर विभाग की ओर से इसके जिम्मेदार रहे अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी या नहीं, इनके खिलाफ प्रकरण दर्ज कराए जाएंगे कि नहीं, सरीखे सवालों पर वन विभाग के अधिकारियों ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि देखा जाएगा।

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इनका कहना है...
नगरपरिषद के नेहरू उद्यान में स्थापित आरोग्य वाटिका में अवैध रूप से संचालित मिनी चिडिय़ाघर को हटाए जाने की कार्रवाई गुरुवार को होगी। इसमें एमू को जोधपुर के चिडिय़ाघर एवं हरिणों को जंगल व पक्षियों को खुले आसमान में छोड़ दिया जाएगा।
सुनील गौड़, एसीएफ वन विभाग नागौर