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यहां 41 डिग्री तापमान में चांदी की तरह चमकता नमक

तेज धूप आफत बन चुकी, लेकिन जैसे-जैसे पारा चढ़ रहा, नमक उत्‍पादकों को मिल रही राहत

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Salt  Industry

Nawa kuchaman. Salt Industry

दीपक कुमार शर्मा @ नावांशहर. प्रदेश की सबसे बड़ी नमक मंडी में इस समय बढ़ते तापमान के साथ नमक चांदी की तरह चमकने लगा है। नमक उत्पादन के खेत यानी नमक की क्यारियों में इन दिनों प्रचंड धूप और ४१ डिग्री के तापमान के चलते उत्पादन परवान पर है। दिन के अधिकांश भाग में नमक के ये खेत तेज धूप के कारण सुनसान नजर आते हैं।

लेकिन, इसके बावजूद इन खेतों में नमक बनाने की प्रक्रिया डेढ़-दो गुना गति से चालू रहती है। फिर ये लोग कौन है, जो नमक बना रहे हैं? दरअसल, ये नमक श्रमिक ही हैं, जो तडक़े ३ से ५ बजे ही काम पर लग जाते हैं। सुबह 9-10 बजे बाद असहनीय धूप होने पर ये अपने घरों को लौट जाते हैं।

फिर दिनभर प्रचंड धूप से तैयार हुए नमक को एकत्रित करने के लिए दोपहर ४ बजे बाद वापस काम में जुटते हैं। इसके बाद अंधेरा गहराने तक इस काम में जुटे रहते हैं। इससेज्यादा उत्पादन होने से उनकी दैनिक मजदूरी भी डेढ़ से दो गुना तक बढ़ जाती है। लेकिन इस समय कोरोना संक्रमण के कारण श्रमिकों की कमी के कारण भी मजदूरी में इजाफा हुआ है।


बढ़ता तापमान नमक उत्पादन के लिए वरदान

तेज धूप जहां हर किसी के लिए आफत बन चुकी है, वहीं एक वर्ग ऐसा भी है जिन्हें जैसे-जैसे पारा चढ़ रहा है, उन्हें राहत महसूस हो रही है। सांभर झील के नावां नमक उत्पादन एरिया में इन दिनों नमक की खेती यानी खारड़ों में उत्पादन कई गुना तक बढ़ चुका है। झील में बोरवेल से निकले खारे पानी (ब्राइन) की धूप के साथ रासायनिक क्रिया से नमक बनता है। जिस कदर धूप निकलेगी, उसी अनुपात में उत्पादन बढ़ेगा। यहां पिछले एक माह में औसत से अनेक गुना तक ज्यादा नमक बन रहा है। नावां क्षेत्र में करीब ३० से ४० अरब से भी ज्यादा का नमक हर वर्ष होता है।