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ऐसा क्या हुआ जो लडख़ड़ाने लगी शिक्षा विभाग की नांव

डीईओ एक महीने से अवकाश पर, विभाग का कोई धणीधोरी नहीं  

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नागौर. जिले में शिक्षकों की कमी व स्कूलों में पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने से बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। इन दिनों हालात देख लग रहा है खुद शिक्षा विभाग ही वेंटिलेटर पर है। स्थिति यह है कि तत्कालीन माध्यमिक प्रथम के डीईओ सीताराम गर्ग को पदोन्नत कर डीडी बनाए जाने के बाद से जिले में शिक्षा की नाव लडख़ड़ाने लगी है। हालांकि माध्यमिक प्रथम डीईओ गर्ग के स्थान पर हरिराम मीणा को लगाया गया था, लेकिन वो कार्यभार ग्रहण करने के 10-15 दिन में ही तबादला करवाकर चले गए। इसके बाद डीईओ का कार्यभार माध्यमिक द्वितीय डीईओ वेणी गोपाल व्यास को सौंपा गया। वे पूरे जिले की जिम्मेदारी पूरी तरह से नहीं संभाल पा रहे हैं। खुद विभागीय अधिकारियों ने उनपर अवकाश पर रहने के दौरान किसी अन्य को चार्ज नहीं देने व अवकाश की एप्लीकेशन तक कार्यालय को नहीं भिजवाने का आरोप लगाया है।

अधिकारी लगाते रहे आरोप-प्रत्यारोप

कुचामन, परबतसर, मकराना, लाडऩंू सहित अन्य दूर के ब्लॉकों से आने वाले लोगों की समस्या को लेकर पत्रिका संवाददाता ने जब पड़ताल शुरू की तो खुद विभागीय अधिकारी ही एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते नजर आए। किसी जानकारी को लेकर जब माध्यमिक डीईओ द्वितीय वेणीगोपाल व्यास को फोन करके पूछा तो उन्होंने कहा वे महीने भर से अवकाश पर हैं। उनसे जब यह पूछा कि अवकाश के दौरान डीईओ का चार्ज किसके पास है, तो उन्होंने कहा कि माध्यमिक प्रथम के एडीईओ गौरीशंकर शर्मा के पास है। इस बारे में एडीईओ से पूछने पर साफ इंकार कर दिया। उन्होंने बताया कि डीईओ व्यास कब से अवकाश पर हैं यह कह पाना उचित नहीं है, क्योकि उन्होंने अवकाश को लेकर पत्र कार्यालय को नहीं भिजवाया है। उन्होंने मुझे कोई चार्ज नहीं दिया है, वैसे भी नियम यह कहता है कि यदि माध्यमिक प्रथम व द्वितीय यदि दोनो डीईओ अवकाश पर हैं तो डीईओ का चार्ज प्रारम्भिक शिक्षा के डीईओ को दिया जाता है। इधर, डीईओ व्यास ने कब से कब तक अवकाश पर है इसकी जानकारी देने से इनकार
कर दिया।

कर्मचारी करते हैं परेशान
शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों ने बताया कि उन्हें कई कार्यों के चलते 100-150 किमी से अधिक दूर से डीईओ माध्यमिक द्वितीय के कार्यालय आना पड़ता है। लेकिन डीईओ कार्यालय में कार्य करने के नाम पर परेशान किया जाता है। कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं है। बाबू के पास जाओ तो वो एडीईओ के पास भेजता है, एडीईओ डीईओ से मिलने का कहता है, डीईओ के बारे में पता चला कि वह महीने भर से अवकाश पर हैं। इतना ही नहीं डीईओ कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी जिम्मेदारी से पीछा छुड़ाने के लिए कई बार तो डीईओ प्रथम कार्यालय का कहकर इधर से उधर परेशान कर रहे हैं। स्थिति यह है कि डीईओ के हस्ताक्षर करवाने तक के लिए लोगों को पूरा दिन खराब करना पड़ रहा है। इसके बावजूद यह तक पता नहीं चलता कि आखिर डीईओ का चार्ज है किसके पास।

डीईओ कार्यालय को भिजवाया है मेल
मैंने अवकाश पर रहने का पत्र डीडी कार्यालय को भिजवाया है साथ ही उसकी प्रतिलिपि डीईओ प्रथम व द्वितीय कार्यालय को भी मेल की है।
वेणी गोपाल व्यास, डीईओ माध्यमिक प्रथम (कार्यवाहक), नागौर