
If the administration doesn't wake up, 80 year old Geeta Devi will die of starvation
-बीपीएल से जुड़ी होने के साथ ही पेंशन एवं खाद्य सुरक्षा योजना के दस्तावेज होने के बाद भी उनको नहीं न ही गरीबी योजना खाद्यान्न मिल रहा, और न ही सरकारी सुविधाओं का लाभ
-गीतादेवी बोली: सक्षम को राज्य सरकार दे रही योजनाओं का पूरा लाभ, और हम गरीबों को भूखा मारने में लगी है
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नागौर. राज्य सरकार की योजनाओं का जरूरतमंदों को कितना लाभ मिल रहा है इसकी जीती-जागती तस्वीर शहर के भार्गव मोहल्ला में देखी जा सकती है। पिछले पचास सालों से भार्गव मोहल्ला में रह रही गीतादेवी की उम्र 80 साल है। बीपीएल से जुड़ी होने के साथ ही इनको पिछले कई सालों से पेंशन एवं खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ मिल रहा था, लेकिन विगत नौ माह से अचानक यह सारी सुविधाएं बंद कर दी गई। अब यह अचानक कैसे बंद हुई इसका पता खुद गीतादेवी को भी नहीं है, लेकिन सुविधाओं के अभाव में हालत बिगडऩे लगी है। भार्गव कॉलोनी में किराए के मकान में रह रही गीतादेवी का कहना है कि उनका एक लडक़ा है जिसकी उम्र 60 साल है, लेकिन वह भी हमेसा बीमार रहता है। इसके चलते घर में कमाने वाला कोई नहीं है। स्थिति यह हो गई है कि अस्सी बरस की उम्र में न तो गीता देवी काम कर सकती है, न ही उनका बीमार लडक़ा। इसके चलते घर में भुखमरी के हालात हो गए हैं।
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क्या करुं भगवान रूठ गया
गीतादेवी कहती है कि उम्र इस पड़ाव में आकर उनको भोजन के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। कुछ दिन पहले गाय ने उनको मार दिया था तो मोहल्लेवासियों ने अस्पताल में भर्ती कराया। बीमा योजना से जुड़ी नहीं होने के चलते प्रारंभिक इलाज के बाद उनको जेएलएन से भी डिस्चार्ज कर दिया गया। अब घर में हैं, लेकिन दवा तक खरीदने के पैसे नहीं हैं। बताते हुए गीतादेवी रोने लगती हैं। बमुश्किल बात करते हुए कहती है कि साहब भगवान लग रहा कि रूठ गया है। यहां पर जो सक्षम हैं उनको सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिल रहा है, और जरूरतमंदों कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। बताती हैं कि वह फरियाद को लेकर उपखण्ड अधिकारी से लेकर जिला कलक्टर तक गईं। उनको भी अपनी समस्याएं बताई। इसके बाद भी उनकी समस्याओं का समाधान करने की जगह इन सक्षम अधिकारियों ने मदद करने से अपने हाथ खड़े कर लिए।
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पहले मिल रहा था, अब पता नहीं क्यों हो गई सुविधा
भार्गव कॉलोनी के हरिाम जाखड़ बताते हैं कि वह पिछले कई सालों से गीतादेवी यहां रह रही है। जाखड़ कहते हैं कि उनकी पत्नी पार्षद है। इस वजह से वह क्षेत्रवासियों के संपर्क में रहते हैं। गीतादेवी के प्रकरण को लेकर उपखण्ड अधिकारी, डीएसओ एवं जिला कलक्टर तक के पास गए। इन सभी अधिकारियों ने भी इसका समाधान नहीं किया। जाखड़ का कहना है कि वह हरसंभव मदद गीतादेवी की करते हैं, लेकिन उनकी भी एक सीमा है। इसलिए प्रशासन केा आगे बढकऱ इनकी सहायता के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए, नहीं तो भुखमरी से ही गीतादेवी की मौत हो जाएगी।
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यह बोले जिम्मेदार........
गीतादेवी का मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है। फिर भी इस प्रकरण को पूरी तरह से देखवाता हूं। इस पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
सुनील कुमार, उपखण्ड अधिकारी नागौर
नागौर. यह तस्वीर दिखा रही घायल हालत में 80 बरस के गीतादेवी की दुर्दशा की स्थिति, फिर भी सरकारी योजनाओं का लाभ देने में की जा रही आनाकानी
Published on:
10 Oct 2023 08:44 pm
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