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नागौर

तांगा दौड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा – इस खूबसूरत दुनिया में जानवरों को मनुष्यों के समान रहने का अधिकार

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नागौरSep 07, 2018 / 11:09 pm

shyam choudhary

Tonga race

Tonga race in Mundiad-Kharanal fair

नागौर. जिले के मुंदियाड़-खरनाल, कुम्हारी व रोल मेलों की तांगा दौड़ को कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई अर्जी पर शुक्रवार को सीजेआई की बैंच ने सुनवाई करते हुए किसी प्रकार निर्णय देने से मना कर दिया। कोर्ट ने कहा, ‘इस खूबसूरत दुनिया में जानवरों को मनुष्यों के रूप में रहने का अधिकार है। कुल मिलाकर, पूरी धरती हम सभी की एक आम संपत्ति है। यह हमारी दुनिया है और यह उनकी दुनिया है।Ó
गौरतलब है कि तांगा दौड़ को लेकर नागौर के अधिवक्ता महावीर विश्नोई की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर ने तीन साल पहले पशु क्रूरता का हवाला देते हुए दौड़ पर रोक लगा दी थी। जिसके खिलाफ किशनलाल लोहिया व अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई, जिस पर पिछले करीब एक साल से सुनवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट में आगामी सुनवाई 17 सितम्बर को होनी है, लेकिन 18 व 19 सितम्बर को आयोजित होने मुंदियाड़-खरनाल मेलों के दौरान तांगा दौड़ कराने को लेकर प्रार्थीगण ने कोर्ट में जल्दी सुनवाई के लिए अर्जी लगाई, जिस पर शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश व दो अन्य जजों की बैंच ने सुनवाई करते हुए किसी प्रकार का निर्णय देने से मना कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह कहने की जरूरत नहीं है कि आवेदन को लेकर हम कोई हस्तक्षेप करेंगे। इसका एसपीएल (स्पेशल लीव पिटीशन) की वरियता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
तांगा दौड़ के लिए बेनीवाल ने की अध्यादेश लाने की मांग
विधायक हनुमान बेनीवाल ने विधानसभा में प्रक्रिया के नियम 295 के तहत विशेष उल्लेख प्रस्ताव के जरिए तांगा दौड़ को शुरू करने के लिए अध्यादेश लाने की मांग की। उन्होंने अपने प्रस्ताव में जन आस्था का हवाला देते हुए कहा कि दौड़ में किसी भी प्रकार की क्रूरता नहीं होती है। उसके सम्बन्ध में पशु क्रूरता समिति तथा जीव जन्तु कल्याण बोर्ड चैन्नई भी रिपोर्ट दे चुका है। उन्होंने कहा कि खरनाल से नागौर तक राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप ही वैकल्पिक कच्चा मार्ग बनाया जाए तथा तमिलनाडु सरकार की तर्ज पर अध्यादेश लाकर जन आस्था का सम्मान किया जाए। विधानसभा में लगाए गए प्रस्ताव को अध्यक्ष ने सरकार को प्रेषित कर दिया। विधायक ने बताया कि नियम 131 के तहत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से भी दौड़ को शुरू करने के लिए अध्यादेश लाने की मांग की।
पशु प्रेमियों में हर्ष
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से पशु प्रेमियों में हर्ष की लहर है। मनुष्य के मनोरंजन के लिए पशुओं के साथ क्रूरता करना ठीक नहीं है।
– महावीर विश्नोई, अधिवक्ता

सरकार ने पैरवी नहीं की
सुप्रीम कोर्ट ने हमारी अर्जी पर शुक्रवार को तांगा दौड़ को लेकर विशेष सुनवाई की, लेकिन राज्य सरकार की ओर से मजबूती से पैरवी नहीं की गई, जिसके चलते जन-जन की आस्था एवं वर्षों पुरानी परम्परा की तांगा दौड़ इस बार भी नहीं हो पाएगी।
– ओम चौधरी, महासचिव, तांगा दौड़ संघर्ष समिति, नागौर
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