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जीएसटी के विरोध में मण्डी बंद, 4 करोड़ का कारोबार प्रभावित

- 30 जून से 3 जुलाई तक जीसएटी के विरोध में बंद रही मण्डी - 4 दिनों बाद मण्डी में आज से लगेगी ढेरी बोली, जयपुर बैठक में हुआ निर्णय

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babulal tak

Jul 03, 2017

प्रदेश खाद्य व्यापार एसोसिएशन के आव्हान पर केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए जीएसटी के विरोध में मेड़ता सिटी कृषि उपज मण्डी में 4 दिनों तक कारोबार ठप रहा। जिसके चलते मण्डी में 4 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ। सरकार को भी लाखों रुपए की मण्डी आय से वंचित रहना पड़ा।

प्रदेश की सभी मण्डियों में गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स (जीएसटी)लागू किए जाने के विरोध में प्रदेश संघ के आह्वान पर चार दिनों तक मंडिया बंद रही। जिससे राज्य की मंडियों में खरीद-फरोख्त नही हुई। मेड़ता मण्डी में 30 जून से 3 जुलाई तक कारोबार ठप रहा। रविवार के साप्ताहिक अवकाश को छोडक़र मण्डी में तीन दिनों तक ढेरी बोली नही लगी। यहां सामान्यत: चल रही ऑफ सीजन के बावजूद यहां प्रतिदिन 50 लाख का जीरा, 20 लाख का मूंग, 15 लाख का ग्वार, 15 लाख का रायड़ा, 15 लाख का तारामीरा व 20 लाख का असालिया, सिंधीसुआ, ईसबगोल, चना, मैथी सहित अन्य जिंसों को कारोबार ठप रहा। जिससे रोजाना 1 करोड़ सहित तीन दिनों में 3 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ। राज्य सरकार को मण्डी टैक्स के रुप में भी लाखों रुपए की आय से वंचित रहना पड़ा। साथ ही अबूज बडि़लिया नवमी के वैवाहिक सावे की तैयारियों को लेकर भी काश्तकारों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। बंद के दौरान देहाड़ी मजदूरी करने वाले मण्डी के पल्लेदार ठाले बैठे रहे।

आज खुलेगी मण्डी

जीसएटी के विरोध में 4 दिनों से बंद मंडियों को लेकर सोमवार को जयपुर में प्रदेश खाद्य व्यापार संघ की बैठक आयोजित हुई। मेड़ता व्यापार एवं उद्योग संघ के अध्यक्ष बाबूभाई मंत्री ने बताया कि जयपुर बैठक में मंडियां खोले जाने को लेकर निर्णय लिया गया। अब मंगलवार को मेड़ता मण्डी में भी ढेरी बोली लगेगी। जयपुर बैठक में व्यापार संघ के सचिव श्रीपाल डोसी, रामअवतार चितलांगिया सहित व्यापारियों ने भाग लिया।
व्यापारी कहिन...

‘जीएसटी लागू होने से पूर्व सरकार को सिंधीसुआ, मैथी सहित जिंसों पर टैक्स को लेकर खुलासा करना था। दाल पर कितनी जीएसट लगेगी यह तो स्पष्ट है, परंतु दलहन पर नही इसके विरोध में ही व्यापारियों ने मण्डी में कारोबार रोका है।’
हस्तीमल डोसी, व्यापारी, कृषि उपज मण्डी, मेड़ता सिटी

‘केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स को मण्डी व्यापार के लिहाज से सरलीकरण किया जाना चाहिए। जिससे की व्यापारी, काश्तकार सहित आमजन को राहत मिल सके।’
सुमेरचंद जैन, व्यापारी, कृषि उपज मण्डी, मेड़ता सिटी

‘जीसएटी लागू होने के बाद व्यापारी यह तय नही कर पा रहे है कि मौजूदा स्टॉक पर टैक्स गणना कैसे करे? जीएसटी का सरलीकरण किया जाना चाहिए।’
महिपाल डांगा, व्यापारी, कृषि उपज मण्डी, मेड़ता सिटी

‘जिंसो की खरीद-फरोख्त को लेकर जीएसटी टैक्स का क्लीयरिफेशन होना चाहिए। कौनसी जिंस पर कितना टैक्स लगेगा, इसको लेकर खुलासा होना चाहिए।’