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Nagaur patrika…स:शुल्क एस्कार्ट मांगे जाने के बाद भी नहीं मिलने पर भडक़े पशुपालकों का विरोध…VIDEO

नागौर. पाली जिले के ओमना नगर में गत सोमवार को बैलों से भी गाडिय़ों के रोके जाने की जानकारी मिलने के बाद से पशुपालक और ज्यादा दहशत में आ गए हैं। पशुपालकों एवं किसानों ने मंगलवार को रास्ते में सुरक्षा के लिए स:शुल्क एस्कार्ट उपलब्ध कराए जाने की मांग को लेकर पशु मेला मैदान में […]

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नागौर. पाली जिले के ओमना नगर में गत सोमवार को बैलों से भी गाडिय़ों के रोके जाने की जानकारी मिलने के बाद से पशुपालक और ज्यादा दहशत में आ गए हैं। पशुपालकों एवं किसानों ने मंगलवार को रास्ते में सुरक्षा के लिए स:शुल्क एस्कार्ट उपलब्ध कराए जाने की मांग को लेकर पशु मेला मैदान में प्रदर्शन भी किया। पशुपालकों का कहना था कि सुरक्षा नहीं मिली तो फिर बैलों की खरीद पर व्यय हुए हजारों के व्यय पर पानी फिर जाएगा। प्रशासन यदि एस्कार्ट उपलब्ध नहीं कराता है तो फिर मेला मैदान से निकलना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में रास्ते में होने वाली मारपीट एवं परेशानियों की अपेक्षा खाली हाथ ही इस मेले से जाना पड़ेगा।
पहले आश्वासन दिया, अब सुरक्षा नहीं दे रहे
नागौरी नस्ल के बैलों की खरीद के पश्चात रामदेव पशु मेले में महाराष्ट्र एवं एमपी आदि से आए किसान हैरान-परेशान हैं। बैलों को खरीदने में हजारों की राशि का व्यय वहन करने के बाद भी वह खुद का बैल अपने-अपने प्रदेश में ले जाने की हिम्मत तक नहीं जुटा पा रहे। कारण कि पशु मेला शुरू हुआ तो जिला कलक्टर से लेकर एसपी तक ने उनको पूर्ण रूप से सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने के साथ हर तरह से आश्वस्त किया था कि इस वर्ष बलदेवराम पशु मेला की तर्ज पर घटनाएं नहीं होंगी। पशुपालकों की माने तो उनकी ओर से मेले में आने के बाद प्रशासन की ओर से यह आश्वासन मिलने के बाद ही बैलों की खरीद की थी कि उनको सकुशल पहुंचाए जाने के लिए सुरक्षा के हरंसभव प्रबन्ध किए जाएंगे। इस तरह का आश्वसन जिले के उच्चाधिकारियों ने मिला तो विश्वास कर बैलों की खरीद कर दी। अब बैलों की खरीद होने के बाद पशुपालक सुरक्षा की स:शुल्क मांग कर रहे हैं, लेकिन जिले के अधिकारी अब सुनवाई ही नहीं कर रहे हैं।
कैसे ले जाएं बैल
बैलों की खरीद तो कर ली गई, लेकिन प्रशासन रास्ते के लिए सुरक्षा व्यवस्था नहीं दे रहा। रास्ते में रोकने के लिए तथाकथित लोग तैयार हैं। उनके मुखिबर मेलों में घूम रहे हैं। वह मोबाइल से सूचना दे रहे हैं कि कब गाडिय़ां निकलने वाली है। इसकी जानकारी अधिकारियों को भी दी गई है, लेकिन कोई कार्रवाई ही नहीं हो रही है। मेले में रुकने के दौरान उनको रोजाना हजारों का व्यय चारा आदि पर वहन करना पड़ रहा है।
शंकर सोलंकी, पशुपालक, धर्मपुरी, मध्यप्रदेश
पशु मेले से बैलों की खरीद करने से पहले प्रशासनिक अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए आश्वस्त किया था, लेकिन अब प्रशासन ध्यान ही नहीं दे रहा। पाली में बैलों से भरी गाड़ी रोक ली। पशु पालकों से इससे जो मुश्किल हुई है, उसका जिम्मेदान कौन होगा। हम सुरक्षा व्यवस्था राशि देने को तैयार हैं। फिर भी सुरक्षा नहीं मिल रही।
सुनील वानखड़े, आकोला, महाराष्ट्र
इनका कहना है…
रामदेव पशु मेले से बैल खरीदकर ले जाने वालोंं को डरने की आवश्यकता नहीं है। यह गाडिय़ों में परिवहन के दौरान निर्धारित मापदण्ड का पालन जरूर करें। इस संबंध में प्रदेश सरकार को पहले ही पत्र भेजा जा चुका है।
चंपालाल जीनगर, एडीएम, नागौर