
Newborn left in JLNs crib house in nagaur jln hospital
नागौर. जिला मुख्यालय के जेएलएन राजकीय अस्पताल के पालना घर में गुरुवार रात एक मां अपने नवजात बच्चे को छोडक़र चली गई। पालना घर का सायरन नहीं बजने से बच्चे को कब छोड़ा गया, इसे लेकर कोई जानकारी नहीं मिल पाई। लेकिन गनीमत रही कि एम्बुलेंस चालक रामनिवास संयोगवश उधर से गुजरा तो बच्चे के रोने की आवाज सुनकर नाइट ड्यूटी डॉक्टर को सूचना दी। इसके बाद बच्चे को वार्ड में भर्ती करवाकर उपचार शुरू करवाया गया। चिकित्सक के अनुसार बच्चा एक-दो दिन का लग रहा है और बीमार है।
बच्चे की किस्मत अच्छी या खराब
भगवान से ऊंचा दर्जा पाने वाली मां ने जन्म के कुछ समय बाद ही बच्चे को अस्पताल के पालना घर में छोड़ दिया। अस्पताल प्रशासन की उदासीनता एवं लापरवाही के चलते पालना घर का सायरन नहीं बजा, लेकिन संयोगवश एम्बुलेंस चालक रामनिवास का वहां से गुजरना बच्चे के लिए जीवनदान देने वाला रहा। अन्यथा सर्दी के मौसम में यदि बच्चा रात भर पालना घर में रह जाता तो उसका बचना मुश्किल था। इधर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही उजागर हुई है। जिससे बार-बार कहने के बावजूद पालना घर में लगा सायरन ठीक नहीं करवाया गया है। ऐसे में यदि समय रहते बच्चे की आवाज सुनकर जानकारी नहीं मिल पाती तो बच्चे का बच पाना मुश्किल हो जाता।
दो साल में पहली बार आया बच्चा
गौरतलब है कि जेएलएन अस्पताल सहित जिले के लाडनूं व कुचामन अस्पताल में करीब दो साल पहले पालना घर की स्थापना की गई थी। कुचामन अस्पताल में गत दिनों दो बार नवजात बच्चों को रखा गया था, लेकिन नागौर के जेएलएन अस्पताल में पिछले दो साल में पहली बार किसी ने नवजात बच्चे को छोड़ा है।
जानकारी मिली है
अस्पताल के पालना घर में नवजात बच्चे के मिलने की जानकारी मिली है। पालना घर का सायरन बजा या नहीं, इस बारे में मुझे किसी ने अब तक नहीं बताया है। यदि सायरन नहीं बजा तो कल चेक करवाकर ठीक करवाएंगे।
डॉ. अपूर्व कौशिक, पीएमओ, जेएलएन अस्पताल, नागौर

Published on:
17 Nov 2017 11:25 am
बड़ी खबरें
View Allनागौर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
