
No lecturer, neither principal, then running college
नागौर. जिले में ऐसा महाविद्यालय है,जहां पर न तो व्याख्याता हैं, और न ही प्राचाय...र्! यह महाविद्यालय भगवान भरोसे चल रहा है। हालात यह है कि कुल सात व्याख्याताओं के पदों में से महज एक व्याख्याता लगाया गया है, जबकि बाबू एवं पीटीआई आदि के पद भी यहां पर खाली चल रहे हैं। इससे यहां पर न केवल विद्यार्थियों की अध्ययन व्यवस्था प्रभावित हुई है, बल्कि उनकी खेल गतिविधियों पर भी विराम लगा हुआ है। इस संबंध में यहां के विद्यार्थियों सहित छात्रनेताओं ने कई बार ज्ञापन आदि दिए, लेकिन इसके बाद भी हालात नहीं सुधरे। यह हाल है नागौर जिले के विधि महाविद्यालय के। विद्यार्थी आज भी यहां पर प्रवेश लिए जाने के बाद भी अध्ययन के लिए भटकने को विवश हैं।
महाविद्यालय प्रशासन के अनुसार विधि महाविद्यालय भवन का निर्माण गत जनवरी माह में हो गया था। इसके बाद यहां पर विधि विषय में प्रवेश के लिए आवेदन भी होने लगे। वर्तमान में छात्रों की संख्या करीब ढाई सौ तक पहुंच गई है। इसके बाद भी यहां पर व्याख्याताओं की तैनातगी नहीं की जा सकी। महाविद्यालय के जानकारों का कहना है कि यहां पर हालत इतनी खराब है कि महाविद्यालय पढऩे के लिए आने वाले विद्यार्थी इधर-उधर भटकते रहते हैं। व्याख्याताओं के अभाव में उन्हें कोचिंग संस्थानों की शरण लेनी पड़ रही है। अब महाविद्यालय के छात्रों का कहना है कि व्याख्याता ही नहीं है तो फिर वह पढ़ाई कैसे करें, और संबंधित विभाग उनकी सुनवाई नहीं कर रहा है। इस संबंध में जिला कलक्टर से लेकर मंत्रियों तक को ज्ञापन दिए गए। इसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। छात्रनेता महेन्द्र इनाणियां ने बताया कि यहां लाइब्रेरियन, पीटीआई के साथ ही एक एलडीसी का पद लंबे समय से रिक्त चल रहा है। इस संबंध में छात्रनेताओं की बैठक हुई। इसमें महाविद्यालय की समस्याओं पर बिंदुअत चर्चा हुई। तय किया गया कि समस्याओं का समाधान नहीं होने पर छात्रनेताओं की ओर से अग्रिम रणनीति पर चर्चा कर आंदोलन किया जाएगा।
Published on:
07 Feb 2019 12:38 pm
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