
बढ़ रही है गरीबी, एक लाख की वार्षिक आय में कैसे हो रहा है गुजारा
एक्सपोज
नागौर. सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही छह लाख और उपभोक्ता मुफ्त गेहूं लेने के हकदार हो जाएंगे। करीब ढाई साल से नाउम्मीद हो चुके सवा लाख में से करीब 34 हजार परिवारों तक ये पैगाम पहुंच चुका है। सरकार पुराने आवेदन का निस्तारण कर लोगों को सुकून पहुंचा रही है, वहीं इससे वंचित लोगों को भी आवेदन का मौका दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार बदलते दौर में नागौर (डीडवाना-कुचामन) जिले में गरीबी बढ़ रही है। ऐसा हम नहीं कह रहे, खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गेहूं लेने के लिए आवेदन करने वाले खुद बयां कर रहे हैं। वो इससे भी महसूस किया जा सकता है कि अप्रेल 2022 में इसके लिए एक लाख 19 हजार 877 आवेदन आए थे, जबकि इस साल 26 जनवरी के बाद पोर्टल पर करीब 29 हजार सात सौ आवेदन और आ गए हैं।
इस तरह करीब डेढ़ लाख आवेदन मुफ्त गेहूं के लिए हुए, जाहिर सी बात है कि परिवार की वार्षिक आय एक लाख से अधिक नहीं होगी। खैर इससे पहले के आंकड़ों की बात करें तो नागौर (डीडवाना-कुचामन) जिले में पांच लाख 62 हजार 756 राशन कार्ड खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े हैं, एक अनुमान के मुताबिक करीब 23 लाख 51 हजार लोग मुफ्त गेहूं ले रहे हैं, जबकि पूरे जिले की आबादी चालीस लाख के आसपास बताई जाती है।
सूत्र बताते हैं कि अप्रेल 2022 में खाद्य सुरक्षा योजना से जोडऩे के लिए लोगों से आवेदन मांगे गए थे। अचानक इसे बंद कर दिया। । लोगों का इसके लिए चयन नहीं हुआ। उस दौरान एक लाख 19 हजार 877 आवेदन आए थे। हाल ही भाजपा सरकार ने फिर से गंभीरता दिखाई है। पहले के एक लाख 19 हजार 871 आवेदन का निस्तारण कर उन्हें खाद्य सुरक्षा सूची से जोड़ने के निर्देश दिए है, वहीं पोर्टल के जरिए नए लोग भी आवेदन कर सकेंगे।बताया जाता है कि अप्रेल 2022 तक के आवेदन में से करीब 34 हजार परिवारों को खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ दिया गया है। हाल ही 26 जनवरी से शुरू हुए पोर्टल पर अब तक 29 हजार से अधिक आवेदन आ चुके हैं । इनमें से भी एक हजार परिवार खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ दिए हैं।
ऐसे समझें गणित...
सूत्र बताते हैं कि एक लाख 19 हजार 877 और 29 हजार सात सौ यानी करीब डेढ़ लाख परिवार। इनमें से करीब 35 हजार परिवार तो जुड़ गए हैं, शेष पर कार्रवाई जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक इन डेढ़ लाख परिवार के छह लाख से अधिक उपभोक्ताओं को मुफ्त गेहूं मिलना लगभग तय है। मार्च-अप्रेल तक यह फाइनल हो जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक इन छह लाख उपभोक्ताओं को करीब तीस लाख किलो गेहूं मुफ्त वितरित होगा। इसके साथ ही जिले के 75 फीसदी से अधिक आबादी मुफ्त गेहूं यानी गरीब परिवार में मानी जाएगी। इससे यह भी जहिर होगा कि करीब सात लाख परिवार की आय काफी कम है।
इनका हटाया जा रहा नाम
गिव अप अभियान में आयकरदाता, चौपहिया वाहन धारक, सरकारी कर्मचारी, अद्र्धसरकारी, स्वायत्त संस्था में कर्मचारी/अधिकारी एक लाख से अधिक वार्षिक पारिवारिक आय व परिवार मे किसी सदस्य के पास चौपहिया वाहन, ट्रेक्टर एवं एक वाणिज्यिक वाहन जो जीविकोपार्जन में प्रयोग आते है, इसे छोडकर निष्कासन सूची में सम्मिलित है।
अपात्रों की जानकारी जुटाना शुरू
खाद्य विभाग की ओर से केवाईसी करवाई गई है। इसके तहत लाभार्थियों के राशनकार्ड आधार कार्ड से जुड गए हैं। आधार कार्ड से पैन कार्ड तो इससे बैंक खाता जुडा होने के कारण खाते में आने वाले भुगतान और आईटीआर आदि की जानकारी मिल जाएगी। साथ ही परिवहन विभाग को सूची भेजकर उनके नाम से रजिस्टर्ड चौपहिया वाहनों की जानकारी निकलवाई जाएगी। इससे अपात्र उपभोक्ता तुरन्त पकड में आएंगे और उनसे वसूली की जाएगी।
इनका कहना..
अप्रेल 2022 में आए एक लाख 19 हजार 871 आवेदनों का निस्तारण किया जा रहा है। करीब 35 हजार खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ दिए गए हैं। पोर्टल से आ रहे आवेदन भी निस्तारित किए जा रहे हैं। स्वेच्छा से नाम नहीं हटाने वाले अपात्रों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-अंकित पचार, डीएसओ, नागौर।
Published on:
14 Feb 2025 09:11 pm
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