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नागौर. सरस डेयरी पिछले तीन माह से दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का भुगतान रोके हुए हैं, जिससे पशुपालकों को अपना घर चलाना मुश्किल हो गया है। सहकारी समितियों ने सरस डेयरी पर भुगतान नहीं देने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन भेजा है। इसमें बताया कि भुगतान के अभाव में पशुपालकों को अपनी आजीविका चलाना एवं पशुओं को बचाना मुश्किल हो रहा है।
सहकारी समितियों के अध्यक्ष बताते हैं कि गत फरवरी माह से दुग्ध का भुगतान लम्बित चल रहा है। लगभग तीन माह हो गए हैं, जिससे पशुपालक अपने भुगतान के लिए समितियों के कार्यालय एवं केंद्रों पर तकाजा कर रहे हैं। इससे कई गांवों में झगड़े भी हो रहे हैं। गत 27 अप्रेल को सरस डेयरी के प्रबंधक संचालक को दुग्ध के भुगतान एवं खरीद दर के बारे में लिखित में भी अवगत करवाया गया, लेकिन अभी तक सुनवाई नहीं की। उधर, लॉक डाउन होने से पशुपालक चारा, पशु आहार आदि की व्यवस्था करना भी मुश्किल हो गया है। दूध का भुगतान नहीं आने से पशुपालक दोहरी मार झेल रहे हैं। इससे पशु मरने की कगार पर है। पशुपालक पशुओं को बचाने में असमर्थ हो रहे हैं। वे अपना घर भी नहीं चला पा रहे। सहकारी समितियों के अध्यक्ष एवं सचिवों ने सरस डेयरी से दुग्ध का भुगतान जल्द से जल्द करवाने की जिला कलक्टर से मांग की है। साथ ही पशुओं के लिए अनुदानित दर पर पशु आहार एवं चारा दिलवाने की भी मांग रखी। ज्ञापन देने आए दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों में श्यामपुरा समिति अलाय के सचिव बाबूलाल, धुंधवालों की ढाणी के पप्पुराम, डालाराम, रामाराम, पीराराम, गोवा कल्लां में पार्वती समिति की अध्यक्ष प्रेमदेवी, सचिव रंजूदेवी, शीलगांव महादेव समिति अध्यक्ष रामलाल, सचिव कैलाशी आदि ने तत्काल ही समस्या समाधान किए जाने की मांग रखी।
Published on:
12 May 2020 10:52 am
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