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नागौर

कहीं लटक रहे ताले तो कहीं पसरा है सन्नाटा

करीब डेढ़ माह से मंत्रालयिक कर्मचारी हड़ताल पर, जनता के नहीं हो रहे काम, चालीस से अधिक विभाग में काम-काज प्रभावित

नागौरJun 03, 2023 / 09:07 pm

Sandeep Pandey

हड़ताल

करीब डेढ़ महीने से अपनी मांगों को लेकर मंत्रालयिक कर्मचारी हड़ताल पर हैं। राहत शिविरों में हो रहे कुछ काम को छोड़ दें तो बाकी का सरकारी कामकाज ठप है।

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

नागौर. कहीं कमरे पर ताला लटका है तो कहीं कुर्सियां खाली पड़ी हैं। जिला कलक्ट्रेट समेत अन्य सरकारी दफ्तरों का भी यही आलम है। करीब डेढ़ महीने से अपनी मांगों को लेकर मंत्रालयिक कर्मचारी हड़ताल पर हैं। राहत शिविरों में हो रहे कुछ काम को छोड़ दें तो बाकी का सरकारी कामकाज ठप है।
शुक्रवार को कलक्ट्रेट का नजारा भी कमोबेश कुछ ऐसा ही दिखा। शस्त्र लाइसेंस समेत कई कमरों पर ताला दिखा तो कई कमरे खुले तो थे, लेकिन सरकारी काम करने के लिए मंत्रालयिक कर्मचारी नदारद थे। कुर्सियां खाली थीं। कहीं इक्का-दुक्का कर्मचारी जरूर नजर आए। गत 17 अप्रेल से चल रही इस हड़ताल के कारण करीब चालीस विभागों के करीब तीन हजार मंत्रालयिक कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर हैं। राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर किए गए आंदोलन के तहत लोग जाति प्रमाण-पत्र, ईडब्ल्यूएस प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए भटकते नजर आ रहे हैं। हजारों की संख्या में प्रमाण-पत्र पेंडिंग है तो खातेदारी के नामांतरण और पट्टों का काम भी बंद पड़ा है।
इन कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में ग्रेड-पे 2800 से बढ़ाकर 3600 करना और सचिवालय के समान वेतन भत्ते एवं पदोन्नति के अवसर देने की मांग शामिल है। इसे लेकर दफ्तरों में कहीं ताले तो कहीं सन्नाटा पसरा है और ज्यादातर कामकाज ठप हैं, जो सरकार के साथ ही आम लोगों के लिए मुसीबत बन रहा है।
जिला अध्यक्ष सुनील धनकड़ का कहना है कि बीते लंबे समय से मंत्रालयिक कर्मचारी इन मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। सरकार सुनवाई नहीं कर रही। अकेले कलक्ट्रेट के ही करीब अस्सी कर्मचारी हड़ताल पर हैं इससे सारा काम ठप पड़ा है।
जिला अध्यक्ष (राजस्व) डूंगर सिंह भाटी का कहना है कि जयपुर महापड़ाव में शांति के साथ गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार की बेरुखी उन्हें अपना आंदोलन तेज करने पर मजबूर कर रही है। जल्द ही सरकार के राहत शिविरों में जाकर कर्मचारी प्रदर्शन करेंगे।
अवकाश सा आलम

कलक्ट्रेट ही नहीं एसपी ऑफिस, शिक्षा विभाग, तहसील, आरटीओ , जिला परिषद समेत अन्य विभागों का भी यही आलम है। कुछ कर्मचारी तो गाहे-बगाहे अपने विभाग के आसपास भटकते नजर आ रहे हैं , जबकि कुछ पूरी तरह छुट्टी मना रहे हैं। उधर, अपने काम को लेकर भटक रहा आमजन परेशान है।
सीएम के फरमान से कर्मचारी परेशान

इधर मंत्रालयिक कर्मचारी हड़ताल पर हैं उधर , सीएम के एक फरमान से कर्मचारी हलके में परेशानी बढ़ गई है। सीएम ने हाल ही आदेश देकर एक ही स्थान पर लंबे समय से कार्य कर रहे कर्मचारी/अफसरों के विभाग/स्थान बदलने का आदेश जारी किया है। इसे लेकर सभी विभागों में हडक़ंप सा मचा हुआ है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक कर्मचारी नेता का कहना था कि इस आदेश का असर कुछ ही लोगों पर होगा, हालांकि इसके अमल में लाए जाने की संभावना भी कम ही है।

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