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40 दिन की नहरबंदी रहेगी, अभियंताओं को रेड अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश, आपूर्ति यथावत रहने का दावा

-30 दिन की घोषित नहरबंदी रहेगी, नौ से 10 दिन पंजाब से पानी आने में लगेगा, 40 दिन की बंदी मानकर चल रहा विभाग-नागौर एवं डीडवाना-कुचामन जिले में रोजाना होती है 270 एमएलडी की आपूर्ति, हैण्डपम्प एवं नलकूपों की भी आवश्यकतानुसार विभाग लेगा सहायतानागौर. जिले में आखिरकार नहरबंदी घोषित कर दी गई है। इस बार […]

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-30 दिन की घोषित नहरबंदी रहेगी, नौ से 10 दिन पंजाब से पानी आने में लगेगा, 40 दिन की बंदी मानकर चल रहा विभाग
-नागौर एवं डीडवाना-कुचामन जिले में रोजाना होती है 270 एमएलडी की आपूर्ति, हैण्डपम्प एवं नलकूपों की भी आवश्यकतानुसार विभाग लेगा सहायता
नागौर. जिले में आखिरकार नहरबंदी घोषित कर दी गई है। इस बार घोषणा तो 30 दिन के नहरबंदी की है, लेकिन यह करीब 40 दिनों तक की रहेगी। जलदाय अधिकारियों के अनुसार नहरबंदी दौरान जलापूर्ति के लिए नोखादैया के डेम में पर्याप्त मात्रा में पानी है। इसमें केवल 540 एमएलडी पानी डेम की कुल क्षमता से कम है। हर रविवार को ड्राई डे रखा जाएगा। इस तरह से बंदी के दौरान कुल छह रविवार पड़ेंगे। यह पानी पूरे 40 दिन तक उपयोग में आएगा। इधर बंदी घोषित होते ही अधीक्षण अभियंता की ओर से शहरी एवं ग्रामीण एरिया में जलापूर्ति जांच करने के साथ ही नलकूपों एवं हैण्डपम्पों की स्थिति को मौके पर जाकर देखने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि बंदी के दौरान जलापूर्ति की स्थिति किसी भी क्षेत्र में प्रभावित होने या फिर जल संकट की स्थिति में उपभोक्ता विभाग में कॉल कर जानकारी दे सकते हैं। इसके लिए अभियंताओं को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
जलदाय विभाग के विभाग अनुसार गत 21 अप्रेल से लागू यह बंदी 20 मई तक पूर्ण रूप से लागू रहेगी। नागौर, डीडवाना-कुचामन जिले में कुल मिलाकर 270 एमएलडी पानी की आपूर्ति रोजाना की जाती है। यह आपूर्ति व्यवस्था जारी रहेगी। दोनो ही जिलों में 135-135 एमएलडी पानी लगभग रोजाना दिया जा रहा है। इसमें कोई कमी नहीं आने देने का दावा विभाग ने किया है। दोनो ही जिलों में कुल मिलाकर 13 शहर एवं 1616 गांव है। इसमें नागौर जिले के 54 में 51 गांवों में 22324 जल कनेक्शन हैं। इनमें जलापूर्ति सुचारु बनाए रखने के लिए कहा गया है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के हैंण्डपम्पों एवं नलकूपों की स्थिति की स्थिति को देखने के लिए विशेष टीमें जोनवार लगाई गई है।
इनके लिए की जा रही विशेष व्यवस्था
नागौर जिले के शहरी एरिया में उपभोक्ताओं में नागौर में 25 हजार, मूण्डवा में 35 सौ, कुचेरा में 42 सौ, बासनी में 38 सौ, जायल में तीन हजार, मेड़ता में करीब नौ हजार जल कनेक्शन के उपभोक्ता है। इन एरिया में कई जगहों पर पेयजल लाइन की स्थिति बेहतर नहीं है। इसको ध्यान में रखते हुए 81.15 करोड़ राशि का टेण्डर प्रक्रियाधीन है। इसके तहत इन क्षेत्रों में खराब लाइन को बदलने, लीकेज दुरुस्त करने, पम्प हाउस बनाने आदि के कार्यों पर किया ना है।
एक नजर इस पर
नोखादैया डेम में जल उपलब्धता-9570
नोखादैया डेम में जल उपलब्धता की क्षमता-10110 एमएलडी
नोखादैया में कुल जल उपलब्धता में कमी-540 एमएलडी
नागौर जिले के वितरण शाखा के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल उपभोक्ताओं की संख्या-22324

आपूर्ति सुचारु बनाए रखने के लिए तैयारी
जलदाय विभाग के अनुसार बंदी के दौरान आपूर्ति व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए अभियंताओं के साथ हुई बैठक में अधीक्षण अभियंता श्योजीराम वर्मा ने सभी को फील्ड में जाकर जलापूर्ति की स्थिति की जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बंदी के दौरान अभियंता रेड अलर्ट मोड पर रहेंगे। अभियंताओं की जिम्मेदारी रहेगी कि बंदी के दौरान खुद ही जलापूर्ति की स्थिति को देखने के लिए मौके पर पहुचेंगे, और ग्रामीणों से बातचीत भी करेंगे। इस दौरान ग्रामीणों की ओर से बताई गई समस्याओं का विश्लेषण कर उनका तत्काल समाधान कराने का प्रयास रहना चाहिए।
इनका कहना है…
नहरबंदी तो घोषित हो गई है। अभियंताओं को अलर्ट मोड पर रहने के लिए निर्देश दिए गए हैं। हालांकि बंदी के दौरान जल उपलब्धता पूरी रहेगी। वितरण व्यवस्था बाधित नहीं होने दी जाएगी। इसके अलावा हैण्डपम्पों एवं नलकूपों से भी आपूर्ति होगी। ग्रामीण क्षेत्रो में भी जल संकट नहीं आने दिया जाएगा।
श्योजीराम वर्मा, अधीक्षण अभियंता, जलदाय विभाग नागौर