उस वक्त ग्रामीणों ने काफी विरोध जताया तो विभाग ने पास में खदान का हवाला देकर लाइनों को तालाब और नाडी के अंदर से निकाल दिया। एक वर्ष बाद ही मांइस खुदाई के बाद आगे बढ़ गई तथा तालाब के पास रेत डालकर जमीन को फिर से भर दिया गया। ग्रामीणों ने वापस विद्युत निगम में 33 केवीए व 11 केवीए की बड़ी हाई टेशन लाइनों को तालाब व नाडी में से हटा कर बाहर लगाने की गुहार लगाई, लेकिन अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया।
बजट मिला तो पोल लगाए पर तार लगाना भूल गए इस लाइन को हटवाने के लिए ग्रामीणों ने कई बार प्रयास किए। जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई तो सरकारी कोष से दो लाख सतर हजार रुपए का बजट किया गया, लेकिन जायल डिस्कॉम कार्यालय ने
इस लाइन को हटाने के लिए पोल तो लगा दिए पर तार लगाना भूल गया और काम बंद कर दिया गया। पांच साल से इस लाइन को ट्रांसफर करने के लिए पोल लगे है, लेकिन लाइन नहीं बदली गई।
पन्द्रह वर्ष से हादसे की दहशत बिजली निगम ने हाइटेशन लाइन को आनन-फानन में गांव के मुख्य जल स्त्रोतों के अंदर से लगा दिया। जबकि गांव के इन दोनों जल स्त्रोतों में हर समय पानी रहता है। ग्रामीण सालभर पानी घरों को ले जाते हैं। लाइन के तार कभी नीचे गिरने पर हादसा हो सकता है।
झाड़ियों में आए दिन स्पार्क जल स्त्रोतों में लगी हाइटेशन बिजली की लाइन झांड़ियों से छूकर रोज स्पार्क करती है। ग्रामीण सुरेश कुमार,रूगनाथ,भींयाराम ने बताया कि तालाब व नाडी के पास लगी बिजली की लाइनों से आए दिन ग्रामीणों को मौत का खतरा बना रहता है, लेकिन विभाग इसे नहीं बदल रहा है। पास ही कई पोल गिरने के कगार पर है, ।
अधिकारियों को जानकारी तक नहीं 33 केवीए व 11 केवीए की दो बड़ीहाइटेशन बिजली की लाइनें मातासुख गांव के तालाब व नाडी के अंदर से पन्द्रह वर्ष से गुजर रही है। पानी में पोल लगाए हुए हैं। लेकिन रोल डिस्कॉम कार्यालय के अधिकारियों को इन लाइनों के बारे में जानकारी तक नहीं है।
इनका कहना है मातासुख गांव के पास लगी दोनों दो हाइटेशन लाइन को बदलने के लिए क्या प्रयास किए गए इस बारे में मुझे जानकारी नहीं है। पहले मातासुखजायल डिस्कॉम के अधीन था, अब रोल डिस्कॉम कार्यालय के अधीन है। इस मामले में जानकारी जुटा कर ही कुछ बता सकते हैं।
ज्योति स्वरूप, सहायक अभियंता, अजमेर विद्युत वितरण निगम, रोल।