
कच्चापाल जलप्रपात
नारायणपुर . नक्सली प्रभावित अबूझमाड़ अपनी संस्कृति को लेकर देश सेे लेकर विदेश में भी खासा चर्चित है। नक्सली समस्या ने इसकी खूबसूरती को भी डंस लिया है। यहां मौजूद जलप्रपातों का पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने की आड़ में नक्सली रोड़ा बने हुए है। अबूझमाड क्षेत्र के कच्चापाल, हांदावाडा, हरीमरका गावं में कई बड़े जलप्रपात ऐसे हैं जिनकी खूबसूरती देखने इक्का दुक्का लोग ही पहुंच पाते हैं।
वजह है सुविधाओं की कमी। ऐटेकछ़ाड़ नाम क्यों अबूझमाड़ के आदिवासी ग्रामीण उपाल पहाड़ से उगम पाने वाली इस धारा को उपाल नदी के नाम से जानते है। अबूझमाड़ के पूर्वाजो के अनुसार इस नदी के आसपास वाली जगह में केकड़ा अधिक मात्रा में पाया जाता था। इस लिए पूर्वजों से इस झरना को ग्रामीण ऐटेकछ़ाड़ के नाम से पुकारते है।
कच्चापाल पहुंचना ही है दूभर
मुख्यालय से 66 किलोमीटर दूर ओरछा ब्लॉक के कच्चापाल ग्राम पंचायत में 376 परिवार निवासरत हैं। जिसकी जनसंख्या 1015 के करीब है। इस क्षेत्र में सरकार की पहुंच नही के बराबर होने के कारण ग्रामीण सरकार की कई योजना का लाभ पाने से वंचित रहते है।
इस क्षेत्र में सड़क नही होने के कारण ग्रामीणों को पगंडड़ी वाले रास्ते से पैदल सफर तय कर मुख्यालय पहुंचना पड़ता है। घने जंगल से घिरे कच्चापाल कुतूल रोड़ पर स्थित उपाल पहाड़ से निकलने वाली नदी में मानसून के दिनों में ऐटेकछ़ाड़ जलप्रपात देखते ही बनता है।
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Updated on:
23 Dec 2019 04:04 pm
Published on:
23 Dec 2019 03:56 pm
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