नर्मदापुरम

नहीं सुधरे आठ ब्लैक स्पॉट-खतरनाक मोड़, हर साल हो रही दो सौ मौतें

-कहने को आठ चिन्हित ब्लैक स्पॉट, लेकिन कब सुधरेंगे कोई डेटलाइन नहीं, जिले में पांच वर्ष में 934 मौत के हो चुके शिकार

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नहीं सुधरे आठ ब्लैक स्पॉट-खतरनाक मोड़, हर साल हो रही दो सौ मौतें

नर्मदापुरम. जिले में सड़क हादसों में मौतों का आंकड़ा चिंताजनक ही नहीं भयावह भी है। कहने को चिन्हित आठ ब्लैक स्पॉट-अंधे मोड़ हैं, इतने ही घुमावदार खतरनाक मोड़ भी मौजूद हैं, लेकिन ये कब सुधरेंगे कोई डेट लाइन नहीं है। अगर पांच साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो करीब 934 लोग सड़क हादसों में मौत गंवा चुके हैं। यानी हर साल डेढ़ सौ से लेकर दो सौ लोगों की जानें जा रही है। इसके बाद भी दुर्घटनाओं को रोकने, कम करने के लिए कोई ठोस पहल और इंतजाम ही नहीं हो रहे हैं। ऐसा नहीं है कि जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक नहीं होती, लेकिन इसमें हर बार ये गंभीर मुद्दा उठता है। टै्रफिक पुलिस, परिवहन विभाग, पीडब्ल्यूडी-नगरपालिका, एनएचएआई-एमपीआरडीसी के अधिकारियों को प्लान और सुधार के निर्देश दिए जाते हैं, लेकिन कोई काम ही नहीं होते। पत्रिका की पड़ताल में कई कमियां-खामियां सामने आई है। अगर इसके बाद भी जिम्मेदार एजेंसी कदम नहीं उठाए तो इसे अनदेखी-लापरवाही ही कहेंगे। बता दें कि वर्ष 2018 से लेकर वर्ष 2022 में अगस्त तक की अवधि में नर्मदापुरम जिले में कुल 3789 सड़क दुर्घटना घटित हुईं। इसमें से 934 वाहन चालक-लोग मौत के शिकार हुए और 3998 लोग घायल होकर अस्पतालों में लंबा एवं खर्चीला उपचार करने पहुंचे। इन आंकड़ों में बीते अगस्त माह को ही देखें तो आठ माह में 144 लोगों की जानें एक्सीडेंट में जा चुकी है।

ये हैं चिन्हित ब्लैक स्पॉट
देहात थाना क्षेत्र
-आरटीओ ऑफिस का खतरनाक मोड़, रसूलिया रेलवे डबल क्रासिंग, गीता भवन के सामने रसूलिया, एनएच-69 मेनरोड निटाया जोड़ ग्राम ब्यावरा।

कोतवाली थाना क्षेत्र
एनएच-69 पर नर्मदा ब्रिज हनुमान मंदिर के सामने, रेलवे क्रासिंग श्रीकुंज गार्डन के पास।
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पिपरिया थाना क्षेत्र
पांडव वेयरहाउस के सामने ग्राम ढ़ाडिया, ग्राम झील पिपरिया मोड़, ग्राम रामपुर पुलिया के पास।

बीते 5 वर्ष के सड़क हादसे
वर्ष - दुर्घटना - घायल - मृतक
2018 -935 -1109 -215
2019 -818 -945 - 201
2020 - 727 - 682 -211
2021 -747 -713 -163
2022 - 562 -549 -144 (माह अगस्त तक)
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टोटल - 3789 -3998 -934

इनका कहना है...
जिले में जो सड़क हादसे हो रहे हैं, इसका मुख्य कारण रोड इंजीनियरिंग की कमी-खामियों को दूर करने का है। दूसरा संकेतक, स्पीड ब्रेकर की जरूरत। रोड किनारे झाडिय़ों की छंटाई, तेज रफ्तार वाहन चलाना, बगैर हैलमेट-सीट बेल्ट पहने वाहनों को चलाना भी है। ब्लैक स्पॉट-अंधे मोड़ को सुधारने के लिए निर्माण एजेंसियों को कहा गया है। हाल में हुई बैठक में इस संबंध में कलेक्टर ने निर्देश भी दिए हैं।
-मनोज तेहनगुरिया, आरटीओ नर्मदापुरम।

जिले की सड़कों के चिन्हित ब्लैक स्पॉट को सुधारने के लिए पीडब्ल्यूडी-एमपीआरडी, एनएचएआई सहित निकाय को संयुक्त तौर पर सुधार के लिए चर्चा की गई है। जिन स्थानों पर दुर्घटनाएं ज्यादा हो रही वहां चैकिंग पाइंट बनाकर चालान एवं समझाइश दी जा रही है। बीते सालों के मौत के आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है। दुर्घटनाओं नियंत्रित हो इसके लिए जागरूकता अभियान चला रहे हैं।
-संतोष मिश्रा, डीएसपी, टै्रफिक पुलिस विभाग नर्मदापुरम

Published on:
22 Sept 2022 09:48 pm
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