17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एमपी में ‘इंटर-कास्ट मैरिज’ करने वाले जोड़े से रिश्वत मांग रहा था ‘बाबू’, लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई

MP News: मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले में भोपाल लोकायुक्त ने कार्रवाई करते हुए बाबू को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

2 min read
Google source verification
narmadapuram news

फोटो- पत्रिका

MP News: मध्यप्रदेश में रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आए दिन कोई न कोई अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा जाता है। ऐसा ही मामला नर्मदापुरम जिले से सामने आया है। यहां पर जनजातीय कार्य विभाग के बाबू द्वारा रिश्वत मांगी जा रही थी। भोपाल लोकायुक्त ने कार्रवाई करते हुए बाबू को रंगे हाथों दबोच लिया।

दरअसल, आवेदक प्रवीण सोलंकी ग्राम सिपुर सिवनी मालवा जिला नर्मदापुरम ने अंतर्जातीय विवाह किया था। जिसमें उन्हें शासन के द्वारा दो लाख रुपए मिलने थे। इसके लिए आवेदक ने कलेक्ट्रेट के बाबू मनोज सोनी से संपर्क किया। बाबू के द्वारा बैक डेट में फाइल बनाकर राशि के भुगतान के लिए पहले 2 हजार रुपए और काम होने के बाद 7 हजार रुपए की मांग की गई थी।

10 हजार की रिश्वत लेते बाबू को दबोचा

मामले की शिकायत आवेदक ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त भोपाल दुर्गेश राठौर से की। शिकायत सत्यापन पर सही पाए जाने पर ट्रेप टीम का गठन किया गया। टीम ने कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ बाबू को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन)2018 की धारा-7 के अंतर्गत कार्रवाई की जा रही है।

बीते दिनों, सिवनी जिले के धनौरा में मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स कॉर्पोरेशन कार्यालय के प्रबंधक को 15,000 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। प्रबंधक मुकेश परमार ने कार्रवाई न करने की एवज में 25 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।

ऐसे ही गंजबासौदा में उपयंत्री के द्वारा सीसी सड़क के निर्माण के लिए पंचायत सचिव से 40 हजार रुपए की रिश्वत मांगी गई थी। भोपाल लोकायुक्त ने कार्रवाई करते हुए आरोपी राम गोपाल यादव को गंजबासौदा स्थित घर से 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोच लिया था। आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन)2018 की धारा-7, के अंतर्गत कार्रवाई की गई थी।