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Illegal mining-जमकर हो रहा अवैध खनन, दौड़ रही टै्रक्टर-ट्रॉलियां

नर्मदापुरम narmdapuram के इस पार कलेक्टे्रट व कमिश्नर भवन से कलेक्टर-कमिश्नर खुद इस अवैध खनन को देख रहे। इसके बाद भी कोई कार्रवाईयां नहीं हो रही है।

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Illegal mining-जमकर हो रहा अवैध खनन, दौड़ रही टै्रक्टर-ट्रॉलियां

Illegal mining-जमकर हो रहा अवैध खनन, दौड़ रही टै्रक्टर-ट्रॉलियां

नर्मदापुरम. नर्मदा नदी के पल्लेपार बुधनी क्षेत्र के जोशीपुर-जर्रापुर तट पर टै्रक्टर-ट्रॉलियों से अवैध खनन-परिवहन हो रहा है। नर्मदा के अंदर पानी में से भी रेत निकाली जा रही है,लेकिन न तो सीहोर-बुधनी और न ही नर्मदापुरम के जिम्मेदार अधिकारी कोई धरपकड़ कर रहे और न ही इन अवैध वाहनों को जब्त किया जा रहा। हालत ये है कि रात के साथ ही दिन में भी अवैध कारोबारी यह खनन करा रहे, जबकि नर्मदापुरम के इस पार कलेक्टे्रट व कमिश्नर भवन से कलेक्टर-कमिश्नर खुद इस अवैध खनन को देख रहे। इसके बाद भी कोई कार्रवाईयां नहीं हो रही है।

बच्चों ने टै्रक्टर-ट्रॉलियों को रोकने बना दिए डिवाइडर
नर्मदापुरम. इधर जिस रास्ते से रेत से भरी अवैध ट्रैक्टर-ट्रॉलियों दौड़ रही उस पर बच्चे खेलते हैं, उन्हें इस वजह से आ रही दिक्कतों के बाद बच्चों ने करबला घाट से लेकर बीटीआई रोड तक की सड़क पर खुद ही डिवाइडर बना दिए, ताकि यहां से रेत का अवैध परिवहन कर रही टै्रक्टर-ट्रॉलियों को आने-जाने से रोका जा सके। इस तरह से 5-6 जगहों पर डिवाइडर बना दिए गए हैं।

इन तटों पर हो रहा बैखोफ खनन-परिवहन
जिले में नर्मदा एवं तवा नदी के तटों पर रेत माफिया और उनके लोग रेत का जमकर खनन कर रहे हैं। जिला-संभागीय मुख्यालय की ही बात करें तो नर्मदापुरम में करबला घाट, नर्मदा पुल के नीचे और आसपास, डोंगरवाड़ा, बरंडुआ, तालनगरी, डोलरिया, कोठीबाजार-सदरबाजार में पल्लेपार, बुधनी के जोशीपुर, जर्रापुर, जमनिया, गुंजारीघाट, मगरिया, बांद्राभान, सांगाखेड़ा पुल, निमसाडिय़ा, जासलपुर, इटारसी के रामपुर गुर्रा, रजौन, मेहराघाट, होरियापीपर, सिवनीमालवा, शिवपुर, पिपरिया, बनखेड़ी में टै्रक्टर-ट्रॉलियों से रातदिन खनन कर अवैध परिवहन किया जा रहा है। अधिकारी अपने आंखों के सामने से सड़कों पर रेत के अवैध वाहनों को दौड़ते हुए देख रहे, लेकिन न इन्हें रोका जा रहा और नही इनके चालक-मालिकों के खिलाफ कोई कार्रवाईयां हो पा रही। बता दें कि बीते छह माह से जिले में ठेके की रेत खदानें बंद चल रही, इस वजह से अवैध खनन भी बढ़ गया है। जिला प्रशासन एवं खनिज विभाग ने अभी तक खदानें चालू नहीं करवाई। रेत मजदूर भी बेरोजगार घूम रहे हैं। उन्हें मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है।