-रेलवे का तर्क... बुजुर्ग और विकलांग यात्रियों की सुविधा के लिए बनाया ऐसा ब्रिज-स्टेशन के आखिरी छोर पर बनाए गए ब्रिज तक पहुंचने में लगता है समय, इसलिए जान जोखिम में डालकर पटरी पर उतर जाते हैं यात्री
पत्रिका न्यूज नेटवर्क. नर्मदापुरम
धार्मिक नगरी नर्मदापुरम (होशंगाबाद) रेलवे स्टेशन का नया फुट ओवरब्रिज यात्रियों की परेशानी बढ़ा रहा है। नई डिजाइन के इस 350 मीटर लंबे फाइव लेयर ब्रिज पर चढऩे-उतरने में यात्रियों की सांसें फूल रहीं है। परेशानी यह भी है कि यह ब्रिज रेलवे स्टेशन के भोपाल छोर पर आखिरी में बनाया गया है। ऐसे में टिकट और रिजर्वेशन काउंटर से इसकी दूरी अधिक होने की वजह से यात्री जान जोखिम में डालकर पटरी पर उतर जाते हैं। जिससे हादसों का डर बना रहता है। ब्रिज की डिजाइन के मामले में रेलवे के अफसर मानव अधिकारों का हवाला देते हुए बताते हैं कि रेलवे के ब्रिज रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाजेशन (आरडीएसओ) लखनऊ से एप्रूव नक्शे के मुताबिक बनाई गई है।
नजर नहीं आते लिफ्ट-
प्लेटफार्म नंबर 1 और 2 पर आने-जाने के लिए भोपाल छोर पर बनाए गए ब्रिज के दोनों तरफ लिफ्ट भी है। दोनों लिफ्ट ब्रिज के पिछले हिस्से में बनाए गए हैं। जिससे यात्रियों को लिफ्ट नजर ही नहीं आते हैं। यही वजह है यात्री इस लंबे रैंप नुमा ब्रिज को पैदल पार करने की मशक्कत करते हैं।
3.55 करोड़ रुपए से बनेगा नया ब्रिज-
रेलवे स्टेशन पर 3.55 करोड़ रुपए की लागत से दूसरा नया फुट ओवरब्रिज बनेगा। रेलवे स्टेशन पर दूसरा फुट ओवरब्रिज (एफओबी) बनने के बाद हजारों लोग अपनी जान जोखिम में नहीं डाल पाएंगे। रेलयात्री और शहरवासियों की परेशानी को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने इसकी स्वीकृति दी है। रेलवे स्टेशन पर जीआरपी चौकी के पास स्थित एफओबी था। पुराना व क्षतिग्रस्त होने से रेलवे ने पिछले ढाई-तीन साल पहले तोड़ दिया।
रेलवे यात्री और ग्वालटोली के लोग परेशान-
भोपाल छोर पर बनाया गया ब्रिज रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार से काफी दूर है। ऐसे में यात्री और ग्वालटोली क्षेत्र से पैदल आने-जाने वाले लोग रेलवे पटरी क्रास करके ही आना-जाना करते हैं। जिसमें युवाओं के अलावा बुजुर्ग, महिला, स्कूली बच्चे शामिल हैं। क्षेत्रीय सांसद राव उदय प्रताप सिंह ने जनता की तकलीफ को समझते हुए रेलवे स्टेशन पर नया ब्रिज स्वीकृत कराया है। इस ब्रिज के एक तरफ सीढ़ी और दूसरी तरफ रैंप रहेगा।
फ्लैश बैक... पटरी पार कर रहीं दो महिलाओं को तीन आरक्षकों ने बचाया
रेलवे पटरी को क्रास कर रही दो परिक्रमावासी महिलाओं को ट्रेन के करीब आने से पहले स्टेशन पर तैनात तीन आरक्षकों ने बचा लिया। इसका सीसीटीवी मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे ने 20 दिसंबर को ऑफिशयल अकाउंट पर शेयर किया। इसके बाद गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। आरपीएफ के थाना प्रभारी महेश सिंह रघुवंशी ने बताया कि 19 दिसंबर को प्लेटफॉर्म क्रमांक एक पर आरपीएफ आरक्षक विनोद कश्यप, अमित अवस्थी और जीआरपी आरक्षक राकेश पाल की तैनाती थी। शाम को नर्मदा परिक्रमावासी दो महिलाएं रेलवे टै्रक क्रास कर रही थी। इसी दौरान सामने से मालगाड़ी आ गई। तीनों आरक्षक ने तत्काल दौडकऱ दोनों महिलाओं को पकडकऱ प्लेटफार्म पर चढ़ा लिया। इससे दुर्घटना होने से बच गई।
लोगों व यात्रियों ने कहा... ऐसा लगता है पहाड़ पर चढ़ रहे हैं!
दूसरे स्टेशनों पर तो इतना लंबा और इस तरह का ब्रिज हमने नहीं देखा। पता नहीं यहां क्यों ऐसा बनाया। ऐसा लगता है जैसे पहाड़ चढ़ रहे हैं।
फोटो -कृष्णाबाई, बनखेड़ी
ब्रिज की डिजाइन की वजह से यह बहुत लंबा हो गया है। चढऩे-उतरने में करीब 10 मिनट लग जाते हैं। सीनियर सिटीजन परेशान हो रहे हैं।
फोटो -पीयूष यादव, छात्र
ब्रिज से चढऩे-उतरने में सांसें फूल जाती है। ब्रिज भी प्लेटफार्म के सबसे आखिरी कोने में बनाया है। यहां तक आने-जाने में ही थक जाते हैं।
फोटो -कमलाबाई, ग्वालटोली
इनका कहना है...
रेलवे स्टेशन पर बनाया गया ब्रिज मानव अधिकारों को ध्यान में रखकर आरडीएसओ के डिजाइन पर बनाया गया। सुविधा के लिए उसमें लिफ्ट भी मौजूद है। नए ब्रिज का काम भी शुरू हो गया है। इसमें एक तरफ सीढ़ी और दूसरी तरफ रैंप रहेगा।
-लोकेश मित्तल, एडीईएन भोपाल