
भोलेनाथ का किया नमक-चमक महारुद्राभिषेक, जानें क्यों है बेहद खास
होशंगाबाद। गोलघाट स्थित काले महादेव पर गुरुवार को बड़ी संख्या में शिवभक्त जुटे। मौका था उनका महारुद्राभिषेक का। इस दिन खास नमक चमक के साथ महारुद्राभिषेक किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्बालु मौजूद रहे। बताया जाता है कि यह अभिषेक खास मौकों पर ही किया जाता है। श्रावण मास में हर कोई भोलनाथ की आराधना में लीन है। नित्य प्रतिदिन उनका महारुद्राभिषेक भी किया जा रहा है।
इसलिए होता है खास
यह अभिषेक बेहद खास होता है कालेमहादेव समिति के अनुसार नमक चमक महारुद्राभिषेक में हर चीज की मात्रा 5 गुना अधिक होती है। इस अभिषेक का महत्व सभी अभिषेकम से कई गुना अधिक होता है। इस कारण इसका फल भी सर्व फल के रूप में मिलता है। अभिषेक आचार्य सुरेश शर्मा, पंडित अखिलेश केश्वरे, विष्णु तिवारी के नेतृत्व में करवाया गया।
56 किलो दूध
भगवान भोलेनाथ के अभिषेक में 56 किलो दूध और 15 किलो फूलों का उपयोग किया गया। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के फूलों के रस, फलों के रस के साथ बिल्व पत्र, दूध, दही, शहद, शक्कर, घी, संगीत से स्नान भी कराया गया। इस दौरान अभिषेक मंत्रोच्चारण के साथ किया गया। जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्बालु मौजूद रहे।
श्रावण मास है प्रिय
पुराणों में बताया गया है कि श्रावण मास भोलेनाथ का सबसे प्रिय माह हैं। यही कारण है कि इस पूरे माह में भगवान की पूजा-अर्चना होती है। शिवालयों में सुबह से भीड़ जुटती है। इसके अलावा सावन सोमवार के पूजन का विशेष महत्व होता है।
भोलेनाथ को चढ़ाएं एक लोटा जल
सावन माह के दौरान अलसुबह शिवालय जाएं। भगवान की पूजा-अर्चना करें। यहां सच्चे मन से भोलेनाथ को एक लोटा जल लेकर जलाभिषेक करें। सच्चे मन से किया गया यह अभिषेक कभी निष्फल नहीं जाता हैं, इसे आपकी मनोकामना जरूर पूरी होगी।
भोलेनाथ को मनाना है आसान
गरुण पुराण में बताया गया है कि श्रावण माह में भगवान भोलेनाथ को मनाना आसान होता है। वे सभी भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। सावन माह में अच्छा और मनपसंद वर पाने के लिए भी लड़कियां भोलेनाथ का पूजन करती हैं।
Published on:
10 Aug 2018 02:01 pm
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