बेहतर भविष्य गढऩे किसी ने गंवाई नींद तो किसी ने खेल और कार्यक्रमों से किया किनारा
ऐसे ही नहीं मिली सफलता...
-नाचकर और एक दूसरे मिठाई खिलाकर छात्र-छात्राओं ने मनाई खुशियां
नर्मदापुरम/इटारसी
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने शुक्रवार को कक्षा दसवीं और 12वीं का रिजल्ट जारी किया गया। जिसमें छात्र-छात्राओं ने अपनी मेहनत के बल पर बेहतर कल के लिए आगे कदम बढ़ाया। कहते हैं न सफलता यूं ही नहीं मिलती। सफलता के लिए इन बच्चों ने न केवल रातों की नींद गंवाई, बल्कि अपनी खुशियों को दरकिनार कर खेल और कार्यक्रमों तक से किनारा किया। यही वजह है कक्षा दसवीं और बारहवीं के रिजल्ट घोषित हुए तो इन बच्चों ने नया कीर्तिमान रच दिया। पढिय़े टॉपर बच्चों ने सफलता के लिए क्या खोया और कैसे की तैयारी...!
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सुनिए टॉपर बच्चों से उन्हीं की जुबानी... कैसे की परीक्ष की तैयारी-
आईएएस बनना मेरा लक्ष्य - शुभ परसाई
समेरिटंस स्कूल के कक्षा 12वीं के छात्र शुभ परसाई ने अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों, स्कूल के वातावरण और अभिभावकों के सहयोग को दिया। उन्होंने बताया कि साल भर योजना बनाकर पढ़ाई की। लक्ष्य आईएएस बनना है। इसके लिए पहले वह बीए आनर्स करेंगे, साथ ही इसी साल से आईएएस की तैैयारी भी होगी।
पढ़ाई के लिए खेल और कार्यक्रमों में जाना छोड़ा- शंभू श्रीवास्तव
नर्मदा वैली इंटरनेशनल स्कूल के कक्षा दसवीं के छात्र शंभू श्रीवास्तव ने 96 प्रतिशत प्रतिशत अंक हासिल किया है। शंभू ने बताया कि उन्होंने रोजाना 7.30 से आठ घंटे पढ़ाई की। इसके अलावा अलग से कोचिंग लेकर रिवाइस भी किया। परीक्षा परिणाम बेहतर आएं, इसलिए खेल और यहां तक की शादी समारोह व अन्य कार्यक्रमों तक में जाना छोड़ दिया था।
छह घंटे सोती, सुबह चार बजे उठकर पढ़ती थी- खुशी सिद्दीकी
मै आज बहुत खुश हूं। इस मुकाम तक पहुुंचने के लिए बहुत मेहनत की है। हर दिन 8 से 9 घंटे में पढ़ाई किया करती थी। सैंपल पेपर से लेकर प्रीवियस ईयर क्वेश्चन सब कुछ सॉल्व किया और पैक्टिस की। परीक्षा की एक रात पहले मैंने 6 घंटे की बराबर नींद ली और सुबह 4 बजे से उठकर पढ़ाई की।