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पड़ोसी जिले में हो गया ट्रायल यहां तो बॉक्स से ही बाहर नहीं आई मशीन

शासन के निर्देश के बाद जिला अस्पताल में आई है आरटीपीसीआर जांच की मशीन

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पड़ोसी जिले में हो गया ट्रायल यहां तो बॉक्स से ही बाहर नहीं आई मशीन

पड़ोसी जिले में हो गया ट्रायल यहां तो बॉक्स से ही बाहर नहीं आई मशीन

राजेन्द्र परिहार, नर्मदापुरम
कोरोना की दूसरी लहर में हुई गंभीर स्थिति के बाद शासन व्यवस्थाएं जुटाने लगा है। इसके तहत गत वर्ष शासन ने अब आरटीपीसीआर जांच की व्यवस्था हर जिला मुख्यालय पर करने का निर्णय लिया था। शासन के आदेश के बाद लगभग 8 माह पहले जिला अस्पताल में आरटीपीसीआर जांच की नई मशीन भी भेज दी है लेकिन अभी तक कोई ओर इंतजाम नहीं हुए है। पड़ोसी जिले हरदा में आरटीपीसीआर जांच के लिए ट्रायल भी पूरा हो गया है और कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी मिल चुका है। जिला अस्पताल में तो स्थिति यह है कि अभी मशीन बॉक्स से ही बाहर नहीं आ पाई है।
जांच में लगता है समय
कोरोना की दोनों लहर में जिले के संक्रमित मरीजों के सैंपल भोपाल जांच के लिए भेजना पड़ते थे। इस वजह से सैंपल की जांच होने और रिपोर्ट आने में भी समय लगता था। मरीजों को समय पर इलाज मिले इसके लिए शासन ने अब व्यवस्था को विकेन्द्रीकृत कर दिया है। जिला मुख्यालय पर जांच होने से सभी को सुविधा मिलेगी। अभी जिले में रेपिड किट से जांच की जा रही है।
अभी ट्रॉमा सेंटर में रखी है मशीन
जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में माइक्रोबायलॉजी लैब में यह मशीन रखी हुई है। इसके लिए मशीन को इंस्टॉल करने से पहले एक कमरा निर्धारित करना होगा। कर्मचारी, एससी सहित अन्य व्यवस्थाएं जुटाना होंगी। साथ ही मशीन के उपयोग और सैंपल लेने के लिए कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण देना होगा।
ऑक्सीजन प्लांट सहित सब दुरुस्त
परिसर में बने ऑक्सीजन प्लांट को ऑन कर उसकी क्षमता और ऑक्सीजन की शुद्धता की जांच की गई है। जांच में पता चला कि प्लांट में 99.9 प्रतिशत की शुद्ध ऑक्सीजन बन रही है। आरएमओ डॉ. सुनील जैन ने बताया अस्पताल में 10 वार्डों में 140 बेड के लिए सेंट्रल लाइन से आक्सीजन सप्लाई है। अस्पताल परिसर में दो प्रकार के 3 आक्सीजन प्लांट है। 750 और 1000 एलएमपी क्षमता के दो एयर ऑक्सीजन प्लांट है, 1000 एलएमपी क्षमता का तरह ऑक्सीजन प्लांट भी चालू हैं।
इनका कहना है
मामले की जानकारी ली जाएगी। सीएमएचओ से चर्चा कर जल्द ही मशीन को इंस्टॉल कराया जाएगा जिससे जिले के लोगों को इसका फायदा मिल सके।
नीरज कुमार सिंह, कलेकटर
शासन ने जो मशीन उपलब्ध कराई है उसके लिए अभी कुछ जरूरी इंतजाम होना है। इसके लिए सिविल सर्जन को निर्देशित किया गया है।
डॉ. दिनेश दहलवार, सीएमएचओ