
Fruits flourishing in the name of treatment, administration muted
इटारसी। परिवार नियोजन में अभी तक बच्चों के जन्म में अंतर रखने के लिए तमाम पुराने साधन इस्तेमाल होते रहे हैं अब स्वास्थ्य विभाग ने इससे ऊपर उठकर एक नई पहल की है। इसके तहत अब किसी दंपत्ति को यदि दो बच्चों में जन्म का अंतर रखना है तो उसके लिए अब उन्हें इंजेक्शन लगवाना होगा। इस पहल से जनसंख्या नियंत्रण, गर्भपात रोकने और अनचाहे गर्भ जैसी कई समस्याओं से भी छुटकारा मिल सकेगा। परिवार नियोजन में इंजेक्शन का यह नया प्रयोग पुराने साधनों मसलन कॉपर टी, गर्भनिरोधक गोलियां सहित आदि को चलन से बाहर कर देगा।
विभाग ने जिला चिकित्सालय को चुना
स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों के जन्म में अंतर रखने के लिए इंजेक्शन का उपयोग शुरू किया है। यह महिलाओं को निशुल्क लगाया जाएगा। इस इंजेक्शन का उपयोग करने के बाद महिलाओं को तीन माह तक अनचाहे गर्भ की चिंता नहीं रहेगी। स्वास्थ्य विभाग ने अभी इस पहल के तहत जिला चिकित्सालय होशंगाबाद को ही चुना है। जिला चिकित्सालय में इस इंजेक्शन का प्रयोग प्रायोगिक तौर पर करीब 2 माह पहले ही शुरू किया गया है। इसके लिए 10 जोड़ों को लिया गया है जिन पर इंजेक्शन का प्रयोग किया है।
इटारसी अस्पताल में एक साल का इंतजार
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अभी एक साल तक जिला चिकित्सालय में किए जा रहे इस वेक्सीनेशन पर नजर रखी जाएगी। उसके परिणामों का अध्ययन करने के बाद इसे इटारसी के सरकारी अस्पताल में चालू किया जाएगा। इसके बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को इस योजना से जोड़ा जाएगा।
निजी अस्तपलों में मिलते हैं महंगे
स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा यह पहली बार नया प्रयोग है। यह इंजेक्शन पूरी तरह से निशुल्क हैं। अब तक यह इंजेक्शन निजी अस्पतालों में महंगे दाम पर लगाया जाता है। यह आसानी से नि:शुल्क लोगों तक पहुंचे इसलिए विभाग इस पर काम कर रहा है।
अब तक उपलब्ध हैं यह साधन
कॉपर टी
गर्भनिरोधक गोली
इमरजेंसी गोली यानी ईसीपी
एक नजर में जिला
सिविल अस्पताल- 01
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र- 08
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र- 22
यह स्वास्थ्य विभाग का सरकारी सेक्टर में पहली बार नया प्रयोग है। यह इंजेक्शन पूरी तरह से निशुल्क हैं। अभी जिला अस्पताल में लगाए जा रहे हैं। एक साल बाद उन्हें पूरे जिले के अस्पतालों में दिया जाएगा ताकि लोग उनका लाभ ले सकें।
दिलीप कटेलिया, सीएमएचओ होशंगाबाद
स्वास्थ्य विभाग ने इस नई पहल को अभी जिला चिकित्सालय में चालू किया है। अभी इसका 10 जोड़ों पर इसका प्रयोग किया जा रहा है। उससे मिले परिणामों के बाद इसे जिले के अन्य अस्पतालों में लागू करने की बात कही गई है।
डॉ. एके शिवानी, अधीक्षक डीएसपीएम अस्पताल
Published on:
31 Oct 2017 02:22 pm
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