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नरसिंहपुर. तीन दिन की धुआंधार बारिश ने जन जीवन अस्त व्यस्त कर दिया। जिले भर की नदियां उफान पर हैं। पुलों पर से पानी बहने के कारण नरसिंहपुर से जबलपुर मार्ग बंद हो गया जबकि पुलिया बहने से छिंदवाड़ा और नागपुर मार्ग बंद हो गया। यहां दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई। तेज बारिश के कारण गाडरवारा में कई जगह आपदा प्रबंधन दल को रेस्क्यू कर लोगों को जल भराव से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेजना पड़ा। प्रशासन ने पूरे जिले में अलर्ट घोषित किया है। आपदा में लोगों की मदद के लिए कंट्रोल रूम के नंबर भी जारी किये हैं। बगदरा गांव पलोहा गाडरवारा में शक्कर नदी के किनारे खेतों में बने मकानों में पानी भर गया । सांगई गांव गाडरवारा में जलभराव से 6 किलोमीटर अंदर शक्कर नदी के किनारे से महिलाओं और बच्चों को होमगार्ड एवं एसडीआरएफ बचाव दल ने कठिन रेस्क्यू करके निकाला गाडरवारा के वि_ल भवन मोहल्ला में पानी में फंसेे लोगों को रेस्क्यू कर निकाला गया। सुरक्षा की दृष्टि से जिले के सभी पुलों के दोनों ओर पुलिस बल तैनात किया गया है।
कलेक्टर व एसपी ने भ्रमण कर राहत व बचाव कार्यों का लिया जायजा
कलेक्टर वेद प्रकाश और पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने जिले के अतिवृष्टि व बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का शनिवार को भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान उन्होंने राहत और बचाव के कार्यों का जायजा लिया और आवश्यक निर्देश दिये। कलेक्टर एवं एसपी गाडरवारा और ग्राम बगदरा पहुंचे। भ्रमण के दौरान कलेक्टर ने शक्कर नदी के निचले इलाके में अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रभावित स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने बगदरा पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्यों में लगी टीम के कार्यो की सराहना की और हौसला अफजाई की। कलेक्टर ने रेसक्यू किये गये लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और उनके आवास, भोजन पैकेट व पीने के पानी के समुचित प्रबंध करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव के कार्यों में मुस्तैदी से कोई कमी नहीं रहना चाहिये। कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने चांवरपाठा विकासखंड के ग्राम मनकवारा में ग्रामीणों से चर्चा की। ग्रामीणों ने पानी निकासी की समस्या बताई, जिस पर उन्होंने समस्या के निराकरण के लिये आश्वस्त किया।
अतिवृष्टि व बाढ़ से ३ तहसीलों के ४२ गांव प्रभावित
अतिवृष्टि और बाढ़ से जिले में 3 तहसीलों के 42 गांव प्रभावित हुये हैं। 24 घंटों में 226 लोगों को रेसक्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अभी 12 गांव के करीब 135 लोगों को और रेसक्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में रहने की व्यवस्था की गई है। प्रभावितों के लिये भोजन, पीने के पानी और आवश्यक दवाईयों की व्यवस्था की गई है। अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रभावित मवेशियों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के इंतजाम किये गये हैं। जिले में अतिवृष्टि और बाढ़ के दौरान राहत एवं बचाव के कार्य बड़े पैमाने पर लगातार जारी हैं। नर्मदा और उसकी सहायक नदियों के तटीय क्षेत्रों में सभी ऐहतियाति कदम उठाये जा रहे हैं। राहत एवं बचाव के कार्य में टीमें मुस्तैदी से लगी हुई हैं। कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक राहत एवं बचाव कार्यों की स्वयं मानिटरिंग कर रहे हैं और मौके पर जाकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं।
जिला व तहसील स्तर पर बनाए बाढ़ कंट्रोल रूम
जिला और तहसील स्तर पर बाढ़ कंट्रोल रूम बनाये गये हैं। ये कंट्रोल रूम लगातार संचालित किये जा रहे हैं। जिला स्तरीय बाढ़ कंट्रोल रूम का टेलीफोन नंबर 07792- 233552 है। तहसील स्तरीय कंट्रोल रूम नरसिंहपुर का टेलीफोन नंबर 07792- 232667, करेली का 07793- 270901, गोटेगांव का 07794- 282074, गाडरवारा का 07791- 255732, तेंदूखेड़ा का 07791-252169 और सांईखेड़ा का 07791. 255732 है।
Published on:
29 Aug 2020 07:56 pm
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