
Irrigation system
जिले के ग्रामीण अंचलों में जर्जर और झूलती बिजली लाइनों के कारण सर्द रातों में बार.बार हो रही बिजली की ट्रिपिंग किसानों के लिए गंभीर समस्या बनती जा रही है। इन दिनों जिलेभर में चना, मसूर और गेहूं की बुआई पूरी हो चुकी है और किसान फ सलों की समय पर सिंचाई में जुटे हुए हैं। रबी सीजन में सिंचाई की अहमियत को देखते हुए खेतों में दिन.रात मोटर पंप और स्प्रिंकलर चलते नजर आ रहे हैं, लेकिन कमजोर बिजली आपूर्ति किसानों की मेहनत पर पानी फेर रही है।ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षों पुरानी बिजली की तारें कई जगहों पर झूल रही हैं। हल्की हवा चलने पर ये तारें आपस में टकरा जाती हैं। जिससे फ ाल्ट की स्थिति बन जाती है और बिजली आपूर्ति अचानक बंद हो जाती है। ट्रिपिंग के कारण सिंचाई कार्य बीच में ही रुक जाता है। कई बार सुधार कार्य में घंटों लग जाते हैं, जिससे खेतों में पानी नहीं पहुंच पाता और फ सल प्रभावित होने का खतरा बढ़ जाता है।सबसे अधिक परेशानी रात के समय देखने को मिल रही है। सर्दी के मौसम में रात के वक्त तापमान काफ ी गिर जाता है। कड़ाके की ठंड के बीच किसानों को बार.बार खेतों तक पहुंचकर मोटर पंप चालू करना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर बिजली विभाग के कर्मचारियों को भी रात में फ ाल्ट सुधारने के लिए निकलना पड़ता है, जिससे उन्हें भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
रात में बार.बार खेतों की आवाजाही से बचने के लिए कई किसानों ने ऑटो स्विच का सहारा लेना शुरू कर दिया है। ऑटो स्विच के माध्यम से बिजली आपूर्ति बहाल होते ही मोटर पंप अपने आप चालू हो जाता है, जिससे किसानों को कुछ हद तक राहत मिल रही है। हालांकि यह व्यवस्था हर बार कारगर साबित नहीं हो रही। ट्रिपिंग के बाद यदि बिजली चालू होने पर फेज में गड़बड़ी या वोल्टेज की कमी रहती है, तो ऑटो स्विच काम नहीं करता। ऐसी स्थिति में किसानों को मजबूरी में ठंड के बीच खेत पहुंचकर मोटर चालू करनी पड़ती है।किसानों का कहना है कि यदि समय रहते ग्रामीण इलाकों में बिजली लाइनों का सुधार, तारों का सुदृढ़ीकरण और नियमित मेंटेनेंस किया जाए तो सर्द रातों में होने वाली ट्रिपिंग से राहत मिल सकती है। साथ ही स्थिर वोल्टेज और निर्बाध बिजली आपूर्ति से सिंचाई कार्य सुचारू रहेगा और फ सलों को नुकसान से बचाया जा सकेगा।
Published on:
16 Dec 2025 02:55 pm
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