
Shani Mandir
गाडरवारा। नगर के बोदरी मार्ग पर तालाब के पास स्थित शनि मंदिर धार्मिक आस्था का केंद्र बिंदु बना हुआ है। जिसका प्रारंभ दो शनिभक्तों ने मंदिर निर्माण की कल्पना की और धीरे.धीरे जनसहयोग से शनि मंदिर का निर्माण आरंभ हुआ। बताया जाता है कि नगर के इकलौते शनि मंदिर के निर्माण में प्रहलाद उपाध्याय एवं प्रकाश अवस्थी की प्रमुख भूमिका रही। उन्होंने बताया कि शनि मंदिर निर्माण किए जाने की प्रेरणा शनि देव की आराधिका बहन डॉ विभाश्री औरंगाबाद से मिली। 17 मार्च 2007 में शनिदेव मंदिर निर्माण की नींव एक चबूतरा बनाकर इसका शुभारंभ किया गया। जिसके उपरांत जनसहयोग से मंदिर निर्माण सहित बगिया, नवग्रह वाटिका निर्माण कर संरक्षित किया गया। नगर में उक्त शनि मंदिर में प्रति शनिवार को सैकड़ों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। जहां आस्थावान श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर में स्थित शनि देव की मूर्ति पर तिल, तेल नारियल अर्पित कर दीप प्रज्वलित कर पूजा अर्चना की जाती है।
पांच सालों से जल रही अखंड जोत
बताया जाता है कि शनि मंदिर में वर्ष 2014 से सतत अखंड ज्योति जल रही है। वहीं शनि जयंती, शनिचरी अमावस्या जैसे अवसरों पर विशाल भंडारे के साथ अनेक कार्यक्रम किए जाते हैं। कई सालों से नगर सहित आसपास के ग्रामों शनि भक्तों का आस्था का प्रतीक बोदरी नाके का यह शनि मंदिर बना हुआ है। जहां आज शनिवार को सुबह से ही शनिभक्तों का जमावड़ा रहेगा।
Published on:
18 Jan 2019 07:09 pm
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