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तिजोरी में रखे रहे 15 लाख नहीं लगाई शुगर रिकवरी लैब, मिलें करती रहीं किसानों का शोषण

किसानों को उनके गन्ने का उचित दाम मिल सके इसके लिए पिछले साल तत्कालीन कलेक्टर दीपक सक्सेना ने गन्ना अनुसंधान केंद्र बोहानी को शुगर रिकवरी लैब स्थापित करने 15 लाख रुपए दिए थे। ताकि गन्ने में शुगर की प्रतिशतता की जिले में ही जांच हो सके और किसानों को शुगर रिकवरी के आधार पर पूरा दाम मिल सके। गन्ना अनुसंधान केंद्र के अधिकारी इस राशि को अपने पास रखे रहे और पूरा एक साल बीत जाने के बावूजद शुगर रिकवरी लैब की स्थापना नहीं की।

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mahakoshal sugar mill narsinghpur

कलेक्टर ने दिए 8 सुगर मिलों को कारण बताओ नोटिस

नरसिंहपुर. किसानों को उनके गन्ने का उचित दाम मिल सके इसके लिए पिछले साल तत्कालीन कलेक्टर दीपक सक्सेना ने गन्ना अनुसंधान केंद्र बोहानी को शुगर रिकवरी लैब स्थापित करने 15 लाख रुपए दिए थे। ताकि गन्ने में शुगर की प्रतिशतता की जिले में ही जांच हो सके और किसानों को शुगर रिकवरी के आधार पर पूरा दाम मिल सके। गन्ना अनुसंधान केंद्र के अधिकारी इस राशि को अपने पास रखे रहे और पूरा एक साल बीत जाने के बावूजद शुगर रिकवरी लैब की स्थापना नहीं की। जिससे जिले में सरकारी एजेंसी से गन्ने की शुगर रिकवरी की वास्तविक रिपोर्ट सामने नहीं आ सकी और कतिपय मिल मालिक अपनी लैब में की गई जांच में शुगर रिकवरी वास्तविक से कम बताकर कम भुगतान करती रहीं। जिससे कुछ शुगर मिल मालिक और गन्ना अनुसंधान केंद्र बोहानी की मिल मालिकों के हित में इनकी मिलीभगत के आरोपों को बल मिल रहा है। गौरतलब है कि इस बार अक्टूबर से लेकर फरवरी तक चले शुगर सीजन में एक बार भी शुगर रिकवरी की जांच सरकारी स्तर पर नहीं कराई गई जबकि किसान नेताओं ने इस बारे में प्रशासन, गन्ना अधिकारी सहित कृषि विभाग से कई बार शुगर रिकवरी की जांच की मांग की थी। गौरतलब है कि गत वर्ष यह मामला काफी तूल पकड़ा था जिसके बाद तत्कालीन कलेक्टर दीपक सक्सेना ने मिलों द्वारा अपनी लैब में की जाने वाली शुगर रिकवरी जांच को खारिज करते हुए तीन सरकारी एजेंसियों से जांच कराई थी जिसमें शुगर रिकवरी की मात्रा ११ प्रतिशत से अधिक पाई गई थी। स्थानीय किसान नेता विनायक परिहार द्वारा अपने स्तर पर कराई गई जांच मेंं शुगर रिकवरी 13 प्रतिशत से भी ज्यादा पाई गई थी। प्रशासन द्वारा कराई गई जांच के के आधार पर किसानों को 300 रुपए और उससे अधिक राशि का भुगतान किया गया था जबकि इस बार कई शुगर मिलों ने 290 और 295 रुपए की दर से भुगतान किया।

14 दिन पहले कलेक्टर ने ली सुध
इस माह 5 फरवरी को जब कलेक्टर वेद प्रकाश ने गन्ना अनुसंधान केन्द्र बोहानी का दौरा किया तो उन्होंने संबंधित अधिकारियों को शुगर रिकवरी लैब की स्थापना शीघ्र करने के निर्देश दिए। पर यह सीजन तो निकल ही गया है और गन्ना किसानों का हक मारा जा चुका है।

वर्जन
पिछले साल तत्कालीन कलेक्टर दीपक सक्सेना ने गन्ना अनुसंधान केंद्र बोहानी को करीब 15 लाख रुपए शुगर रिकवरी की जांच के लिए लैब स्थापित करने हेतु दिए थे पर उन्होंने लैब अभी तक स्थापित नहीं की। हाल ही में कलेक्टर ने अपने दौरे के दौरान गन्ना अनुसंधान केंद्र के अधिकारियों को शीघ्र लैब शुरू करने के निर्देश दिए थे।
डॉ.अभिषेक दुबे, सहा.संचालक गन्ना
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वर्जन
कतिपय मिल मालिकों और गन्ना अनुसंधान केंद्र के अफसरों की मिलीभगत की वजह से बोहानी में शुगर रिकवरी लैब की स्थापना नहीं की गई। यदि यह लैब इस वर्ष शुरू हो गई होती तो किसानों को उनके गन्ने का उचित मूल्य मिलता। इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
बाबूलाल पटेल, किसान नेतार्