
1st April 2024 New Rules: आज यानी 1 अप्रैल से नए वित्तीय वर्ष (FY2024-25) की शुरुआत हो गई है। केंद्रीय बजट में उल्लिखित आयकर व्यवस्था के सभी नए नियम इस तिथि से प्रभावी होते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में अंतरिम बजट की घोषणा की, जो कि आज से प्रभावी होगा। यहां टैक्स व्यवस्था, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस), कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), बीमा और म्यूचुअल फंड (एमएफ) के नियमों में बदलाव होना है।
टैक्स स्लैब
अंतरिम बजट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 के अनुरूप, नए वित्तीय वर्ष (FY2024-25) के लिए आयकर स्लैब अपरिवर्तित रहे। शून्य रुपये से 3,00,000 रुपये तक की आय को कर से छूट दी जाएगी। 3,00,001 रुपये से 6,00,000 रुपये तक की आय स्लैब पर 5 प्रतिशत, 6,00,001 रुपये से 9,00,000 रुपये तक 10 प्रतिशत, 9,00,001 रुपये से 12,00,000 रुपये तक 15 प्रतिशत, रुपये पर कर लगेगा। 12,00,001 से 15,00,000 रुपये तक 20 प्रतिशत, और 15,00,000 रुपये और इससे अधिक पर 30 प्रतिशत।
नई कर व्यवस्था के लाभ
>यात्रा और किराए की रसीदों का रिकॉर्ड बनाए रखने की आवश्यकता नहीं
>बुनियादी छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है
>कर योग्य सीमा को 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया गया।
>सरचार्ज दरें 37 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी कर दी गई हैं. ये घटी हुई दरें 5 करोड़ रुपये से अधिक आय वाले करदाताओं के लिए लागू हैं।
ईपीएफओ
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन अब नौकरी बदलने पर ग्राहक की शेष राशि को स्वचालित रूप से उनके नए संगठन में स्थानांतरित कर देगा। ईपीएफओ खाताधारकों को पीएफ राशि ट्रांसफर करने के लिए अनुरोध की आवश्यकता नहीं है।
Updated on:
01 Apr 2024 12:29 am
Published on:
31 Mar 2024 10:22 pm
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