
भारत का पहला सौर मिशन आदित्य एल-1 (Aditya-L1 Mission) लगातार अपनी सफलता की ओर कदम बढ़ा रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की ओर से अब मिशन को लेकर बड़ा अपडेट दिया गया है। रविवार को आदित्य एल-1 की कक्षा में तीसरी बार बदलाव किया गया है। इसरो ने बताया कि बेंगलुरु स्थित ISTRAC ने सफलतापूर्वक तीसरी बार आदित्य एल-1 की कक्षा को बढ़ा दिया है। जिसके बाद आदित्य एल-1 की कक्षा से दूरी सिर्फ 296X71767 किलोमीटर तक की रह गई है। बता दें कि 16 दिन पृथ्वी की कक्षा में बिताने के बाद यह एल-1 की ओर अपना कदम बढ़ाएगा।
दो बार और दोहराई जाएगी ये प्रकिया
आपको बता दें कि आदित्य एल-1 को दो सितंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था। उसके बाद से इसरो एल-1 की कक्षा को दो बार आगे बढ़ा चुका है। पहली बार तीन सितंबर को इसकी कक्षा में परिवर्तन किया गया। उसके बाद 5 सितंबर को दूसरी बार थ्रस्टर को फायर करके इसकी कक्षा में कदलाव किया गया था। वहीं आज रविवार तड़के तीन बार यह प्रक्रिया हो चुकी है। अब दो बार और आदित्य एल-1 की कक्षा में बदलाव किया जाएगा। इसके बाद यह सूर्य की ओर अपने लंबे सफर पर निकल जाएगा।
एल-1 तक पहुंचने में लगेंगे चार महीने
गौरतलब है कि आदित्य एल-1 को अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए चार महीने से ज्यादा का समय लगेगा। इसके बाद यह एल-1 पॉइंट से अपने दिए गए टास्क यानी सूर्य का अध्ययन करेगा। बता दें कि एल-1 ऐसा पॉइंट है, जहां पर सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बैलेंस हो जाता है। साथ ही हां से अध्ययन करने में ऊर्जा की खपत भी कम होती है। पृथ्वी और सूर्य के बीच ऐसे पांच पॉइंट है। लेकिन आदित्य एल-1 को लैंग्रेंजियन बिंदु एल-1 की ओर भेजा गया है। जो पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर है।
Published on:
10 Sept 2023 12:10 pm
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