
डोनाल्ड ट्रंप के फैसले हमेशा से चौंकाने वाले रहे हैं, और उनकी नवीनतम रेसिप्रोकल टैरिफ नीति इसका ताजा उदाहरण है। 2 अप्रैल 2025 को, ट्रंप ने इसे अमेरिका के लिए "मुक्ति दिवस" करार देते हुए दुनिया भर के देशों पर 10% से लेकर 49% तक के आयात शुल्क लगा दिए। यह नीति उन देशों को निशाना बनाती है जो अमेरिकी सामानों पर ऊंचे टैरिफ लगाते हैं, लेकिन इसकी पहुंच इतनी व्यापक है कि निर्जन द्वीपों तक को नहीं छोड़ा गया। ट्रंप के इस अजब-गजब फैसले ने न केवल व्यापारिक दुनिया को हिलाकर रख दिया, बल्कि आम लोगों की जेब पर भी असर डालने की आशंका पैदा कर दी है।
ऑस्ट्रेलियाई क्षेत्र हर्ड और मैकडॉनल्ड द्वीप इसका सबसे अनोखा उदाहरण हैं। एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, इन दूरदराज के उप-ध्रुवीय द्वीपों पर कोई इंसान नहीं रहता—यहां सिर्फ सील, पेंगुइन और कुछ पक्षी अपना बसेरा बनाए हुए हैं। फिर भी, ट्रंप प्रशासन ने इनके "सभी निर्यातों" पर 10% टैरिफ थोप दिया। सवाल उठता है कि जब वहां कोई उत्पादन या व्यापार ही नहीं होता, तो टैरिफ किस पर लगेगा? शायद पेंगुइनों की "अदृश्य अर्थव्यवस्था" को निशाना बनाया गया हो! यह फैसला इतना हास्यास्पद है कि सोशल मीडिया पर लोग इसे लेकर मजाक उड़ा रहे हैं।
भारत की बात करें तो अमेरिका के साथ हमारा व्यापारिक रिश्ता गहरा है। भारत हर साल अमेरिका को 12.7 अरब डॉलर की जेनेरिक दवाएं, 11.88 अरब डॉलर के आभूषण और टेक्सटाइल जैसे उत्पाद निर्यात करता है। ट्रंप के टैरिफ से इन सेक्टरों पर दबाव बढ़ेगा। दवाएं महंगी होंगी, जिससे आपका मेडिकल खर्च बढ़ सकता है। खाद्य तेल (10.67% टैरिफ अंतर) और डेयरी उत्पाद (38.23% टैरिफ अंतर) जैसे रोजमर्रा के सामान भी महंगे हो सकते हैं, जो आपकी रसोई के बजट को प्रभावित करेगा। ऑटोमोबाइल पार्ट्स और इलेक्ट्रॉनिक्स की कीमतों में उछाल से गाड़ी खरीदना या घरेलू उपकरण लेना भी मुश्किल हो सकता है।
इसके अलावा, निर्यात में कमी से भारत का व्यापार घाटा बढ़ेगा, रुपया कमजोर होगा और महंगाई का खतरा मंडराएगा। फार्मा, टेक्सटाइल और आईटी जैसे सेक्टरों में नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं, जिसका असर आपकी आय पर पड़ सकता है। ट्रंप का यह टैरिफ जहां निर्जन द्वीपों तक पहुंच गया, वहीं भारत जैसे देशों की अर्थव्यवस्था और आपकी जेब पर भी गहरा असर डालने को तैयार है। सरकार भले ही इसका जवाब ढूंढ रही हो, लेकिन फिलहाल यह साफ है—ट्रंप के फैसले कब, कैसे और कहां लागू होंगे, यह रहस्य अभी भी बरकरार है।
Published on:
03 Apr 2025 10:02 am
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
