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Amarnath Yatra : इस बार हेलमेट पहन करनी होगी अमरनाथ की यात्रा, इस कारण श्राइन बोर्ड ने लिया फैसला

Amarnath Yatra : 29 जून को ही अमरनाथ यात्रियों का जम्मू पहुंचना शुरू हो गया है। तीर्थयात्रियों के बेसकैंप पहुंचने पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इस बीच श्राइन बोर्ड ने बताया है कि यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को हेलमेट पहनना होगा।

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Amarnath Yatra : दक्षिण कश्मीर हिमालय में करीब 3,880 मीटर ऊंची बाबा बर्फानी की पवित्र अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से श्रद्धालुओं के लिए शुरू हो जाएगी। यात्रा को लेकर श्राइन बोर्ड की ओर से लगभग सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। हाल ही में तैयारियों का जायजा लेने के लिए श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सीईओ मनदीप कुमार भंडारी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बताया कि अमरनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान हेलमेट पहनने की सलाह दी गई है। मनदीप कुमार भंडारी ने बताया कि यात्रियों को श्राइन बोर्ड की तरफ से फ्री में यह हेलमेट उपलब्ध करवाए जाएंगे।

इन रास्तों पर हेलमेट होगा जरूरी

जाहिर है कि बाबा अमरनाथ की गुफा तक पहुंचने पहुंचने का रास्ता काफी दुर्गम है। मनदीप कुमार भंडारी ने बताया कि यात्रा मार्ग पर लैंडस्लाइड और पत्थर गिरने की आशंका बनी रहती है। इसलिए इन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए कुछ हिस्सों को संवेदनशील माना गया है। इन जगहों से गुजरने वाले यात्रियों के लिए हेलमेट पहनना जरूरी होगा। उन्होंने आगे कहा कि जो श्रद्धालु खच्चर का इस्तेमाल करेंगे, उनके लिए भी हेल्मेट जरूरी है।

इस साल 10 प्रतिशत ज्यादा रजिस्ट्रेशन

मनदीप कुमार भंडारी ने बताया कि पवित्र यात्रा के लिए किए गए रजिस्ट्रेशन की संख्या पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि श्राइन बोर्ड और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन यात्रियों के स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयार है। तीर्थयात्रियों का पहला जत्था 30 जून को जम्मू के भगवती नगर आधार कैंप से घाटी के लिए रवाना हो रहा है।

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बालटाल के दो मार्गों से होगी यात्रा

बता दें कि इस बार सावन के दो मास हैं। ऐसे में अमरनाथ यात्रा इस बार पूरे दो महीने यानी 1 जुलाई से 31 अगस्त तक चलेगी। 62 दिनों की यात्रा अब तक की सबसे लंबी यात्रा होगी। अभी तक तीन लाख से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराए हैं। बालटाल के दो मार्गों से यात्रा की जा सकेगी, जिसमें 14.5 किमी की ट्रैकिंग और चंदनवारी से 13,000 फीट की ऊंचाई पर पवित्र गुफा मंदिर तक 32 किमी की ट्रेकिंग शामिल है।

दोनों यात्रा मार्गों पर रोशनी की व्यवस्था

श्राइन बोर्ड की ओर से इस साल पहलगाम और बालटाल दोनों ही मार्गों पर यात्रा ट्रैक को बेहतर बनाया गया है। जहां पटरियों को चौड़ा कर दिया गया है और हैंड रेलिंग लगा दी गई है। वहीं तीर्थयात्रियों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए दोनों यात्रा मार्गों में रोशनी का इंतजाम किया गया है। साथ ही गुफा के रास्ते तक पर्वतीय बचाव दल तैनात किए गए हैं।

गुफा के पास रुकने की अनुमति नहीं

मनदीप कुमार भंडारी ने बताया कि तीर्थयात्री को रात के दौरान बाबा बर्फानी की गुफा के पास रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने बताया कि यात्रियों को महत्वपूर्ण सूचनाओं से अवगत कराने के लिए सभी कैंप में सार्वजनिक संबोधन सिस्टम के साथ ही वीडियो वॉल भी लगाई गई हैं। बता दें कि बाबा अमरनाथ की यात्रा के लिए करीब 5,100 अलग टॉयलेट तैयार करने की संयुक्त पहल की गई है।

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