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राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम की 89वीं बैठक, शाह बोले- पीएम मोदी के विजन को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा NCDC

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मुझे विश्वास है कि NCDC वर्ष 2023-2024 के लिए तय किए गए 50,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य को हासिल करने में सक्षम होगा।

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Amit Shah said NCDC is playing an important role in fulfilling vision of PM Modi in 89th meeting

NCDC की 89 वीं मीटिंग में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'सहकार से समृद्धि' के विज़न को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

अनुराग मिश्रा। नई दिल्ली: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) की महापरिषद की 89वीं बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि NCDC प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के 'सहकार से समृद्धि' के विज़न को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के 60 करोड़ ऐसे लोगों, जिनके पास पूंजी नहीं है, उनके पास आर्थिक समृद्धि का एकमात्र रास्ता सहकारिता है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय ने देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने और GDP में सहकारी समितियों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए पिछले 27 महीनों में 52 पहल की हैं। इन पहलों में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया गया है।

ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को प्रदान करेगी रोजगार के अवसर
शाह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पहले जैसे जनऔषधि केंद्र, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र के रूप में PACS और पाइप जलापूर्ति योजनाओं के संचालन और रखरखाव का काम करने के लिए पानी समिति के रूप में पहल आदि PACS को स्थायी आय और ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान कर सकती हैं।

अमित शाह ने कहा कि NCDC भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के लिए NCDC ने वित्त वर्ष 2022-23 में ग्रामीण क्षेत्रों सहित पूरे देश में 41,000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता संवितरित की है। सहकारिता मंत्री ने कहा कि NCDC चालू वित्तीय वर्ष में वित्तीय सहायता के वितरण में 2013-14 में वितरित 5,300 करोड़ रुपये से 10 गुना वृद्धि हासिल करने की ओर अग्रसर है।

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50,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहा NCDC
शाह ने कहा कि इतने प्रभावशाली प्रदर्शन के साथ मुझे विश्वास है कि NCDC वर्ष 2023-2024 के लिए तय किए गए 50,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य को हासिल करने में सक्षम होगा। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि निगम का शुद्ध NPA 2022-23 में 99% से अधिक ऋण वसूली दर होने के साथ 'शून्य' पर बना हुआ है।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि NCDC को प्रत्येक तिमाही के लक्ष्यों के साथ-साथ अगले 3 वर्षों में 1 लाख करोड़ रुपये का वार्षिक वितरण लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए।

29 करोड़ किसान NCDC के सदस्य
अमित शाह ने सहकारी विकास में मदद करने में NCDC की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि कृषि विपणन एवं निवेश, प्रसंस्करण, भंडारण, कोल्ड चेन और कृषि उपज के विपणन से, NCDCका दायरा समाज की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रों को शामिल करने और देश में युवाओं की आय को बढ़ावा देने के लिए व्यापक हो गया है। उन्होंने कहा कि देश में 8.9 लाख सहकारी समितियां हैं और 29 करोड़ किसान इनके सदस्य हैं। 1963 में अपनी स्थापना के बाद से NCDC ने कृषि और बागवानी सहकारी समितियों सहित सहकारी समितियों को 2,78,378 करोड़ रुपये की cumulative वित्तीय सहायता प्रदान की है।

PACS के काम का दायरा अब बढ़ा गया है: शाह
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि देश में अलग-अलग उपनियम (By-laws) वाले PACS के कामकाज में एकरूपता लाने पर कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकतर राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने सहकारिता मंत्रालय द्वारा तैयार PACS मॉडल उपनियमों (Model by-laws) को अपना लिया है। उन्होंने कहा कि PACS के काम का दायरा अब व्यापक हो गया है और अब ये डेयरी और मत्स्यपालन जैसे 25 विभिन्न क्षेत्रों में काम कर सकते हैं और सामान्य सेवा केंद्र (CSC) के रूप में भी काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि CSCबनकर PACS अब ग्रामीण लोगों को 300 से अधिक सेवाएं प्रदान कर सकती है।

अमित शाह ने कहा कि NCDC की क्षमता को पहचानते हुए इसे सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य भंडारण योजना के रूप में नामित किया गया है। NCDC भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं जैसे 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) के गठन और संवर्धन को बढ़ावा देने वाली कार्यान्वयन एजेंसियों में से एक है।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि NCDC को निर्यात, जैविक और बीज उत्पादन पर गठित तीन नई राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समितियों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि ये समितियां सहकारी क्षेत्र की कई दिग्गज कंपनियों की तरह अपने व्यवसाय में आगे बढ़े। एनसीडीसी को शहरी सहकारी बैंक के प्रस्तावित छत्र संगठन में इक्विटी का पहला योगदानकर्ता भी होना चाहिए।

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