पीएम सभी श्रमयोगियों का करेंगे सम्मान
गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि नया संसद भवन प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता का प्रमाण है। पीएम मोदी 28 मई को संसद का नवनिर्मित भवन राष्ट्र को समर्पित करने जा रहे है। इस नई संचरना को रिकॉर्ड समय में बनाने के लिए करीब 60,000 श्रमयोगियों ने अपना योगदान दिया है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री सभी श्रमयोगियों का सम्मान भी करेंगे। गृह मंत्री ने कहा कि उद्घाटन समारोह में एक ऐतिहासिक परंपरा पुनर्जीवित होगी जिसके पीछे युगों से जुड़ी परंपरा है।
‘राजनीति को इसके साथ मत जोड़िए’
अमित शाह ने कहा कि इसको राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए। यह एक भावनात्मक प्रक्रिया है, जो नए भारत को पुरानी परंपराओं से जोड़ती है। गृह मंत्री ने कहा कि 14 अगस्त 1947 को एक अनोखी घटना हुई थी। 75 साल बाद आज देश के अधिकांश नागरिकों को इसकी जानकारी नहीं है।
चोल वंश से जुड़ा सेंगोल, जानिए कैसे बना सत्ता का प्रतीक
अमित शाह ने बताया कि नए संसद भवन में स्पीकर की सीट के पास सेंगोल की स्थापना की जाएगी। इतिहासकारों के अनुसार, चोल वंश में सत्ता हस्तांतरित के समय एक निवर्तमान राजा दूसरे राजा को सेंगोल सौंपा करता था। ऐसा कहा जाता है कि इसे सत्ता की पावर का केंद्र है। बता दें कि 14 अगस्त 1947 की आधी रात को जब भारत आजाद हुआ तो भारत की स्वतंत्रता और सत्ता हस्तांतरित के तौर प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को यही सेंगोल सौंपा गया था।
नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर विपक्ष और बीजेपी में तीखी बहस, जानिए किसने क्या कहा
ये 19 दल कर रहे हैं विरोध
नए संसद भवन के उद्घाटन के बहिष्कार को लेकर विपक्ष एकजुट होता दिख रहा है। तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल-यूनाइटेड, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, उद्धव ठाकरे की शिवसेना गुट, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, झारखंड मुक्ति मोर्चा, करेला कांग्रेस मनी, विदुथलाई चिरूथाइगल कच्छी, राष्ट्रीय लोक दल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और रेवॉल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी अन्य मरूमलारची द्रविड मुनेत्रद कडगम ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की है।