
चुनावी आपाधापी समाप्त होने के कुछ दिन बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सभी कामकाज से छुट्टी लेकर दो दिन बाद 19 दिसंबर से विपश्यना के लिए जा रहे हैं। अरविंद केजरीवाल यहां 10 दिन बिताएंगे। जब केजरीवाल पिछली बार 2021 में विपश्यना पर गए तो उस वक्त तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कार्यभार संभाला था। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी अनुपस्थिति में कामकाज कौन देखेगा। इसी बीच कांग्रेस ने 19 दिसंबर को ही विपक्षी दलों की मीटिंग बुलाई है। केजरीवाल इसमें शामिल होंगे या नहीं इस पर अभी संशय बरकरार है।
विपश्यना के बारे में जानिए
अरविंद केजरीवाल 10 दिनों तक जिस विपश्यना के लिए जा रहे हैं वह ध्यान की एक ऐसी विधा है, जिसके तहत सबसे ज्यादा लोगों ने बुधत्व या ज्ञान को हासिल किया है। यह मानसिक रूप से मजबूत बनने की सबसे प्रभावकारी विधि है। विपश्यना इंसान के लिए आत्मचिंतन और आत्ममंथन की एक विधि है। विपश्यना में जिस प्रोसेस को लोग फॉलो करते हैं उसमें मन को सुकून मिलता है और लोग आत्मशुद्धि को हासिल करने में सफलता प्राप्त करते हैं।
बता दें कि विपश्यना भारतीय प्राणायाम का एक रूप है। प्राचीन काल से ही भारत के ऋषि-मुनि विपश्यना विधि का इस्तेमाल मन, वचन, कर्म को शुद्ध और चित को शांत करने के लिए करते आये हैं। इस विधि में शामिल होने के पीछे लोगों का मकसद अपने शरीर और मन की गहराइयों को समझना होता है। विपश्यना करने से लोगों में सकरात्मका आती है।
क्या होता है विपश्यना केंद्र में
विपश्यना केंद्र में ध्यान और मनोविज्ञान पर आधारित एक शिविर होता है। यहां लोग एक विशेष तरह के ध्यान अभ्यास और सामाजिक अनुष्ठान में भाग लेते हैं। इस शिविर में रहने वाले सभी लोग एक ही प्रकार के वस्त्र पहनते हैं और एक ही तरह का आहार लेते हैं। ध्यान के माध्यम से, शिविरार्थी अपने मन को शांत करते हैं, अपने विचारों को स्पष्ट करते हैं और अपने शारीरिक और मानसिक अनुभवों को विशेष रूप से अनुभव करते हैं। विपश्यना केंद्र शांति, स्थिरता और अंतर्दृष्टि को विकसित करने के लिए एक मार्ग प्रदान करता है।
Published on:
16 Dec 2023 03:10 pm
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