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Unified Pension Scheme में कम से कम बनेगी ₹15000 की राशि, जानिए कैसे होगी पेंशन की गणना?

Unified Pension Scheme : एकीकृत पेंशन योजना (UPS) स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी कर्मचारी की मूल पेंशन 10 हजार रुपए से कम नहीं होगी। सातवें वेतन आयोग के पे बैंड 5200 से 20,200 रुपए में न्यूनतम मूल वेतन वाले कर्मचारियों को बड़ा लाभ होगा। NPS में यह रकम अभी 9 हजार रुपए है।

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Unified Pension Scheme : प्रधानमंत्री मोदी सरकार की एकीकृत पेंशन योजना (UPS) में कम से कम 15 हजार रुपए की पेंशन हर कर्मचारी को मिलेगी। बस शर्त यह है कि उस कर्मचारी ने 10 साल का सेवा काल पूरा किया हो। दरअसल मोदी सरकार ने 10 साल तक कम करने वालों के ​लिए 10 हजार रुपए की पेंशन पाबंद की है। इसमें जब महंगाई राहत दर और अन्य भत्ता जोड़ा जाएगा। इसके बाद यह पेंशन बढ़कर 15 हजार से अधिक हो जा रही है। नई पेंशन योजना को 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा।

किसी भी कर्मचारी की पेंशन 10 हजार से कम नहीं

मोदी सरकार ने एकीकृत पेंशन योजना (UPS) स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी कर्मचारी की मूल पेंशन 10 हजार रुपए से कम नहीं होगी। सातवें वेतन आयोग के पे बैंड 5200 से 20,200 रुपए में न्यूनतम मूल वेतन वाले कर्मचारियों को बड़ा लाभ होगा। NPS में यह रकम अभी 9 हजार रुपए है। नई योजना में भी पेंशन राशि को महंगाई के सूचकांक से जोड़ा गया है। इसके अलावा अब महंगाई राहत (DR) के आधार पर पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन तीनों का निर्धारण होगा।

UPS में 18.5 फीसदी योगदा, 31 मार्च 2025 तक चुनना होगा

एकीकृत पेंशन योजना (UPS) में केंद्र सरकार ने कहा है कि नई योजना में कर्मचारियों को अपने मूल वेतन का 10 फीसदी अंशदान करना होगा। वहीं सरकार इसमें अब 18.5 फीसदी योगदान करेगी। अब तक केंद्र सरकार सरकार एनपीएस में 14% योगदान करती आ रही है। इसके अलावा सरकार ने यह साफ कर दिया है कि एनपीएस और यूपीएस में से एक का चुनाव करना होगा। ये प्राथमिकता 31 मार्च 2025 से पहले पूरी करनी होगी।

सरकार ने अभी तक नहीं की है कर छूट की घोषणा

मोदी सरकार ने एकीकृत पेंशन योजना (UPS) में कर छूट की घोषणा नहीं की है। एनपीएस में योगदान पर कर्मचारी को कर छूट मिलती है। यूपीएस में कर छूट के नियम अभी अधिसूचित नहीं किए गए हैं।

ऐसे होगी पेंशन की गणना

कोई भी केंद्रीय कर्मचारी जिसने 25 वर्ष की सेवा दी है। उसकी सेवा के अंतिम वर्ष का औसत मूल वेतन जोड़ा जाएगा। इसके बाद उस रकम का आधा पेंशन के तौर पर दिया जाएगा। अगर सेवा काल 10 से 25 वर्ष के बीच है तो पेंशन की राशि समानुपातिक आवंटन के आधार पर तय होगा। इसके साथ ही इसमें महंगाई राहत दर (DR) को भी जोड़ा जाएगा। इस समय सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए डीआर 50 फीसदी है।

यूं समझिए पेंशन का गणित :

25 वर्ष की सेवा पर 12 माह में यदि कर्मचारी का औसत मूल वेतन 50,000 रुपए है तो इसके 50 फीसदी के तौर पर 25,000 रुपए प्रति माह पेंशन बनेगी। इसमें डीआर अलग से जोड़ा जाएगा।

25 साल की सेवा पर पेंशन:
ऐसे में पेंशन बनेगी: 25,000x 25/25= 25,000 रुपए + डीआर

15 साल की सेवा पर पेंशन:
ऐसे में पेंशन बनेगी: 25,000x15/25 - 15,000 रुपए + डीआर

10 साल की सेवा पर पेंशन:
ऐसे में पेंशन बनेगी:25,000x 10/25 = 10,000 रुपए + डीआर

NPS से UPS में आने पर क्या बदलेगा?

■कर्मचारी को सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी मिलेगी। एनपीएस में विकल्प नहीं है।

■ 30 वर्ष की सेवा के लिए कर्मचारी को छह माह का वेतन अलग से मिलेगा।

■ NPS में कुल पेंशन फंड में से 60 फीसदी एकमुश्त राशि कर्मचारी को मिलती है। बाकी बची रकम से पेंशन प्लान खरीदना पड़ता है।

■NPSमें पेंशन राशि शेयर बाजार से मिलने वाले मुनाफे पर निर्भर रहती है। UPS में जोखिम कम किया है।

■ UPS में 25 साल का सेवाकाल पूरा करने के लिए सरकारी नौकरी में 35 साल की उम्र तक शामिल होना ही होगा।

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