जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में कश्मीर घाटी में मतदाताओं ने बढ़-चढ़ कर लोकतंत्र में भागीदारी जताई है। अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट पर भारी सुरक्षा के बीच 54.06 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाला, जो 35 वर्ष का रिकॉर्ड है। इससे पहले, श्रीनगर और बारामूला सीट पर भी रेकॉर्ड मतदान दर्ज किया गया था। इससे प्रोत्साहित मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने कहा कि ‘जम्मू कश्मीर में युवा, महिलाएं, बुजुर्ग बड़ी संख्या में मतदान करने आ रहे हैं। लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत हो रही हैं। लोग अपनी सरकार के योग्य हैं। हम बहुत जल्द ही यह प्रक्रिया शुरू करेंगे।’
छठे चरण में चुनाव लड़ रहे कुछ प्रमुख प्रत्याशियों में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, भाजपा प्रवक्ता संवित पात्रा, भोजपुरी कलाकार एवं सांसद मनोज तिवारी, भोजपुरी गायक एवं भाजपा उम्मीदवार निरहुआ, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत कई केंद्रीय मंत्रियों की किस्मत का फैसला इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में दर्ज हो गया है।
जम्मू-कश्मीर में मतदान प्रतिशत
2004- 15.04
2009- 27.10
2014- 28.84
2019- 8.96
2024- 54.06 (रात 11 बजे तक के आंकड़े) छठा चरणः औसत मतदान 60.92 फीसदी
राज्य 2019 2024 (अंतर)
बिहार 58.65 55.24 (-3.41)
हरियाणा 70.34 59.63 (-10.71)
जम्मू-कश्मीर 8.98 54.06 ( 45.08)
झारखंड 64.57 63.76 (-0.81)
दिल्ली 60.6 57.61 (-2.99)
ओडिशा 71.61 68.58 (-3.03)
उत्तर प्रदेश 54.58 54.03 (-0.55)
पश्चिम बंगाल 84.59 79.25 (-5.34)
(अपडेटः रात 11 बजे तक)
पांच चरणों का क्षेत्रवार आंकड़ा जारी
झूठी कहानियों से माहौल बिगाड़ने की शरारतः आयोग
चुनाव आयोग ने मतदान के आंकड़ों को लेकर फैलाये जा रहे अविश्वास को खारिज करते हुए शनिवार को पिछले पांच चरणों में संपन्न पूरे मतदान के आंकड़े जारी कर दिए। आयोग ने आकडे़े जारी करने की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय और टिप्पणियों को शक्ति बढ़ाने वाला करार देते हुए कहा कि कोई गड़बड़ी की कैसी भी कल्पना कर ले, लेकिन किसी भी तरह वोटिंग के आंकड़ों से छेड़छाड़ नहीं हो सकती। आयोग ने दोहराया कि मतदान के दिन फॉर्म 17 सी के माध्यम से सभी उम्मीदवारों के मतदान एजेंटों के साथ साझा किए गए वोटों के डेटा को कोई नहीं बदल सकता। आयोग ने कहा कि सभी उम्मीदवारों के पास फार्म सी के जरिए वोट के आंकड़े उपलब्ध रहते हैं। इसी तरह ‘वोटर’ ऐप पर मतदान के आंकड़े सातों दिन चौबीसो घंटे आम नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं। झूठी कहानियों और माहौल बिगाड़ने की शरारती चालों के पैटर्न दिख रहा है।