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बजरंग पुनिया ने बीच सड़क पर ही छोड़ दिया पद्मश्री पुरस्कार, खेल मंत्रालय ने कहा- सम्मान लौटाना उनका निजी फैसला

Bajrang Punia return Padma Shri: बृज भूषण शरण सिंह के सहयोगी संजय सिंह के WFI अध्यक्ष चुने जाने के विरोध में बजरंग पुनिया ने अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटा दिया।

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 Bajrang Punia return Padma Shri award Sports Ministry said returning   award his personal decision

भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृज भूषण शरण सिंह के सहयोगी संजय सिंह के WFI अध्यक्ष चुने जाने के बाद से ही माहौल एक बार फिर गरमा गया है। ओलंपियन साक्षी मलिक के कुश्ती छोड़ने के ऐलान के बाद पहलवान बजरंग पुनिया ने शुक्रवार को अपना पद्मश्री पुरस्कार वापस करने का न सिर्फ ऐलान किया, बल्कि उसे लौटाने के लिए प्रधानमंत्री आवास की तरफ जाने की कोशिश करने लगे। हालांकि इस दौरान कर्तव्य पथ पर पहुंचने पर उन्हें दिल्ली पुलिस ने रोक लिया। विरोध के तौर पर उन्होंने अपने पद्मश्री पुरस्कार को फुटपाथ पर रख दिया। वहीं, उनके इस तरह से सम्मान लौटाने पर खेल मंत्रालय का भी बयान आया है।

पुनिया ने लौटाया पुलिस ने उठाया पद्मश्री

बता दें कि बृज भूषण शरण सिंह के सहयोगी संजय सिंह के WFI अध्यक्ष चुने जाने के विरोध में बजरंग पुनिया ने अपना पद्मश्री लौटाने का ऐलान किया। इस बाबत उन्होंने एक पत्र प्रधानमंत्री मोदी को लिखा और एक्स पर लोगों के साथ साझा किया। इसके बाद वह जब शाम को पुरस्कार लौटाने जा रहे थे तो पुलिस ने उन्हें कर्तव्य पथ पर रोक लिया। इस पर उन्होंने कहा कि मैं अपना पुरस्कार लौटाने के लिए यहां आया था। प्रधानमंत्री का व्यस्त कार्यक्रम है। इसलिए मैं पीएम को लिखे पत्र पर अपना पुरस्कार रख रहा हूं। मैं यह पदक अपने घर नहीं ले जाऊंगा। वहां मौजूद पुलिस अधिकारी उनसे ऐसा न करने की अपील करते हैं, लेकिन बजरंग पद्मश्री रखकर चले गए। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने पत्र और पद्मश्री को उठाकर रख लिया।

पीएम को पत्र लिख कही ये बात

बजरंग पुनिया ने यह घोषणा अपने पीएम मोदी को एक खत लिखकर की है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘माननीय प्रधानमंत्री जी,उम्मीद है कि आप स्वस्थ होंगे। आप देश की सेवा में व्यस्त होंगे। आपकी इस भारी व्यस्तता के बीच आपका ध्यान हमारी कुश्ती पर दिलवाना चाहता हूं। आपको पता होगा कि इसी साल जनवरी महीने में देश की महिला पहलवानों ने कुश्ती संघ पर काबिज बृजभूषण सिंह पर सेक्सुएल हरासमेंट के गंभीर आरोप लगाए थे, जब उन महिला पहलवानों ने अपना आंदोलन शुरू किया तो मैं भी उसमें शामिल हो गया था।

21 दिसंबर को हुए कुश्ती महासंघ के चुनाव में एक बार फिर बृजभूषण सिंह का कब्जा हो गया है। चुनाव के नतीजों के बाद बृज भूषण सिंह ने बयान दिया कि दबदबा है और दबदबा रहेगा। इससे दबाव में आकर एकमात्र ओलंपिक विजेता महिला पहलवान साक्षी ने संन्यास ले लिया।

ये सम्मान मुझे कचोट रहे

प्रधानमंत्री जी साल 2019 में मुझे पद्मश्री से सम्मानित किया गया। खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड से भी नवाजा गया। जब ये सम्मान मिले तो मैं बहुत खुश हुआ था। लगा कि जीवन सफल हो गया, लेकिन आज उससे कहीं अधिक दुखी हूं और ये सम्मान मुझे कचोट रहे हैं।

पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने और संजय सिंह के चुनाव के विरोध में अपना पत्र सौंपने के लिए संसद या प्रधानमंत्री आवास पहुंचने की कोशिश की तो दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने उन्हें कर्तव्य पथ पर रोक दिया। उन्होंने कहा, नहीं, मेरे पास कोई अनुमति नहीं है। अगर आप इस पत्र को प्रधानमंत्री को सौंप सकते हैं तो ऐसा कर दीजिये क्योंकि मैं अंदर नहीं जा सकता। मैं न तो विरोध कर रहा हूं और न ही आक्रामक हूं।

पद्मश्री लौटाना बजरंग पूनिया का निजी फैसला : खेल मंत्रालय

वहीं, उनके पद्मश्री लौटाने पर खेल मंत्रालय का भी बयान सामने आ गया। मंत्रालय की तरफ से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष संजय सिंह के चुनाव के विरोध में बजरंग पूनिया का पद्मश्री पुरस्कार लौटाने का फैसला उनका व्यक्तिगत है। लेकिन फिर भी उन्हें इस कदम पर दोबारा विचार करने के लिए समझाने का प्रयास किया जाएगा।

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